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कोरोना वायरस का पता लगाने में नई RT-PCR किट 97.3% प्रभावी, जानिए इससे जुड़ी बड़ी बातें

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत श्री चित्रा तुरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित नई RT-PCR किट 97.3 प्रतिशत प्रभावशाली है।

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May 19, 2021
New RT-PCR kit 97.3% effective in detecting coronavirus mutant

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच तेजी के साथ टीकाकरण अभियान को बढ़ाया जा रहा है, वहीं अधिक से अधिक टेस्ट करने को लेकर भी कोशिशें की जा रही है। कोरोना टेस्ट प्रतिदिन 25 लाख तक पहुंचाने को लेकर सरकार योजना बना रही है।

इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत श्री चित्रा तुरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित नई आरटी-पीसीआर किट 97.3 प्रतिशत प्रभावशाली है।

सरकार ने मंगलवार को इस नई किट के विकास की घोषणा करते हुए बताया कि इसमें कोविड-19 वायरस के विभिन्न उत्परिवर्ती उपभेदों (म्यूटेंट) का पता लगाने की उच्च सटीकता है। सरकार ने कहा कि इसका (म्यूटेंट) पता लगाने में यह नई किट 100 प्रतिशत विशिष्टता है। ICMR ने 'उच्च सटीकता' के साथ इस नई RT-PCR किट को मंजूरी दे दी है।

इस नई किट से जुड़ी कुछ अहम बातें

- आरटी-पीसीआर परीक्षण को कोविड परीक्षण का सबसे बेहतर मानक माना जाता है, हालांकि सरकार ने अपने नवीनतम प्रोटोकॉल में आरटी-पीसीआर परीक्षणों के बजाए तेजी से एंटीजन परीक्षणों (RAT) पर ध्यान केंद्रित किया है। क्योंकि आरटी-पीसीआर के तहत टेस्ट के लिए अप्रैल में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई, जिसके कारण अत्यधिक दबाव बढ़ गया था।

- यह आशंका थी कि आरटी-पीसीआर परीक्षण उत्परिवर्ती उपभेदों (म्यूटेंट) का पता नहीं लगा रहा था और कई लोगों का गलत नकारात्मक परीक्षण रिपोर्ट सामने आए थे। हालांकि, विशेषज्ञों ने इस बात को फिर से दोहराया कि आरटी-पीसीआर टेस्ट में सभी म्युटेंट का पता लगाया जाता है।

- अब ये नई किट दो SARS CoV2 जीन ( RdRp और ORFb-nsp14 ) को लक्षित करके उत्परिवर्ती उपभेदों (म्यूटेंट) की एक विस्तृत श्रृंखला का पता लगाने में सक्षम है।

- अध्ययनों से पता चला है कि इन दो जीनों को लक्षित करने से सटीक परिणाम मिल सकते हैं क्योंकि वे दो अत्यधिक सटीक पुष्टिकारक जीन हैं।

- उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) वायरस में परिवर्तन की निरंतर और प्राकृतिक प्रक्रिया को संदर्भित करता है। यह पता चला है कि ORFB-nsp14 जीन में सबसे कम उत्परिवर्तन होता है और इसलिए यह फुल-प्रूफ डिटेक्शन की कुंजी है चाहे वह कोई भी वैरिएंट स्ट्रेन हो।

- इस किट के माध्यम से म्यूटेशन की "फेस डिटेक्शन" होगी।

Updated on:
20 May 2021 12:30 am
Published on:
19 May 2021 10:31 pm
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