ऑक्सफोर्ड का दावा- ‘कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर है भारत की कोविशील्ड तीन बच्चों की जा चुकी है जान मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नौ माह के इस मासूम बच्चे का नाम अली हमाद है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार हमाद की मां ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए अपने लीवर का एक हिस्सा दे दिया। बच्चे की मां के अनुसार अली हमाद ने तीन बच्चों के बाद जन्म लिया था। उनका कहना है कि उन तीनों बच्चों की शायद इसी तरह की बीमारी से मौत हुई थी। इसका समय पर इलाज नहीं किया जा सका था।
26 जनवरी को अस्पताल से मिली थी छुट्टी लीवर प्रत्यारोपण और हेपटो-पैनक्रियाटिक-बिलियरी सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ शैलेन्द्र लालवानी ने बताया कि तीन जनवरी को हमाद का प्रत्यारोपण और 26 जनवरी को उसे अस्पताल से डिसचार्ज कर दिया गया। लीवर में खून की आपूर्ति नहीं होना किसी भी लीवर प्रत्यारोपण करने वाली टीम के लिए बड़ी चुनौती है। प्रत्यारोपण वाले बाल रोगियों में नाड़ी संबंधी जटिलताएं अधिक हैं।