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Nirbhaya Case: निर्भया के दोषियों को फांसी देने वाले पवन जल्लाद ने बनाया नया रिकॉर्ड, इंसाफ दिलाने में है बड़ा रोल

Nirbhaya Case Convicts : आखिर मिला इंसाफ…। 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिर निर्भया ( Nirbhaya Case Accused Hanged ) को इंसाफ मिला गया। मेरठ के पवन जल्लाद ( Pawan Jallad ) ने इन दोषियों को फांसी पर लटकाया। निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के साथ ही पवन जल्लाद ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

नई दिल्लीMar 20, 2020 / 10:41 am

Naveen

Nirbhaya Case Updates

निर्भया आखिर मिला इंसाफ

नई दिल्‍ली।
Nirbhaya Case Convicts : आखिर मिला इंसाफ…। 7 साल के लंबे इंतजार के बाद आखिर निर्भया ( Nirbhaya Case Accused Hanged ) को इंसाफ मिला गया। निर्भया के साथ दरिंदगी कर उसकी हत्या करने वाले चारों दोषियों ( Nirbhaya Justice ) को फांसी दे दी गई। 20 मार्च की तड़के तिहाड़ जेल में इन दोषियों को फांसी पर लटकाया गया। मेरठ के पवन जल्लाद ( Pawan Jallad ) ने इन दोषियों को फांसी पर लटकाया। निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने के साथ ही पवन जल्लाद ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है।

पवन जल्लाद ने तोड़ा दादा का रिकॉर्ड ( Pawan Jallad New Record )
पवन जल्लाद के परिवार ने देश के बड़े मामलों में आरोपियों को फांसी पर लटकाया है। पवन का परिवार चार पीढिय़ों से फांसी देता आ रहा हैं। अंग्रेजों के समय पवन के परदादा लक्ष्मणराम ने जल्लाद काम शुरू किया था। पवन जल्लाद के दादा कालूराम ने एक साथ दो दोषियों को फांसी दी थी। इसी रिकॉर्ड को पवन जल्लाद ने निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाकर तोड़ा है।

इंदिरा गांधी के हत्यारों को दी थी फांसी
इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह और केहर सिंह को पवन के दादा कालूराम ने फांसी दी थी। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के जीसस मेरी कॉलेज की छात्रा गीता चोपड़ा और उसके भाई संजय चोपड़ा की हत्यारे को भी फांसी पर लटकाया था। इसके बाद कालूराम ने इस काम को अपने बेटे मम्मू सिंह को सौंप दिया। मम्मू ने साल 1997 में जबलपुर के कांता प्रसाद तिवारी को फांसी दी थी।

पिता की मौत से पहले पवन ( Pawan Jallad ) काे किया तैयार
मम्मू की मौत से पहले ही दादा कालूराम ने पौत्र पवन को जल्लाद के लिए तैयार कर लिया था। पवन ने पहली बार आगरा जेल में 1988 में फांसी दी थी।पवन जल्लाद बताते हैं कि फांसी देने से पहले कई बार रिहर्सल किया जाता है। बहुत लोग उन्हें गालियां देते है, लेकिन उनको अपने काम पर गर्व है।

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