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Economic Package : FM सीतारमण का ऐलान- आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव करने जा रही सरकार

अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज के तीसरे चरण की जानकारी दी

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Economic Package: FM सीतारमण का ऐलान- आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव करने जा रही सरकार

Economic Package: FM सीतारमण का ऐलान- आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव करने जा रही सरकार

नई दिल्ली। कोरोना संकट ( Coronavirus ) से गुजर रही देश की अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) को फिर से पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ( Central Goverment ) ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज ( Economic Package ) का ऐलान किया है। सरकार का दावा है कि हर वर्ग को ध्यान में रखकर कर बनाए गए इस पैकेज से अर्थव्यवस्था का बूस्ट मिलेगा।

इस क्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ) और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ( Anurag Thakur ) ने शुक्रवार को आर्थिक पैकेज के तीसरे चरण की जानकारी दी।

इस दौरान वित्त मंत्री ने खेती किसानी से लेकर रोजगार पैदा करने के तक कई क्षेत्रों में बड़ी घोषणाएं की।

वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा और निवेश बढ़ाने के लिए वर्ष 1955 से मौजूद आवश्यक वस्तु अधिनियम ( Essential Commodities Act ) में बदलाव किया जा रहा है।

इसके लिए अलग से एक केंद्रीय कानून बनाया जाएगा।

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वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद से किसानों के लिए बैरियर-मुक्त अंतर-राज्यीय व्यापार के द्वार खुल सकेंगे। संशोधन के प्रस्ताव के साथ साथ कृषि आधारभूत ढाँचे और भंडारण क्षमता में मज़बूती लाने के संकल्प से आत्मनिर्भर भारत के लिए नई ज़मीन तैयार होगी। इस दौरान उन्‍होंने आर्थिक पैकेज में किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दी गई राहतों की जानकारी दीं। वित्त मंत्री ने कृषि के आधारभूत ढांचे को दुरुस्त करने के लिए एक लाख करोड़ रुपए की घोषणा भी की।

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आपको बता दें कि भारतीय संसद ने 1955 में आवश्यक वस्तु अधिनियम को पारित किया था। इस कानून के माध्यम से सरकार 'आवश्यक वस्तुओं' का उत्पादन, आपूर्ति और वितरण को कंट्रोल करती है। यह इसलिए ताकि उपभोक्ताओं को रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली आवश्यक वस्तुएं मुनासिब दाम पर उपलब्ध हों सके। अगर कोई वस्तु सरकार की ओर से 'आवश्यक वस्तु' घोषित कर दी जाती है तो सरकार के पास उसके पैकेज्ड प्रॉडक्ट का अधिकतम खुदरा मूल्य तय करने का अधिकार आ जाता है। उस मूल्य से अधिक दाम पर चीजों को बेचने अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके लिए सजा का प्रावधान है।


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