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‘Cirrhosis Of The Liver’ से हुई फिल्म डायरेक्टर Nishikant Kamat की मौत, जानें बीमारी के बार में 5 खास बातें

locationनई दिल्लीPublished: Aug 18, 2020 03:03:02 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

फिल्म निर्देशक निशिकांत कामत (Nishikant Kamat) का निधन
‘Cirrhosis Of The Liver’ नामक बीमारी से ग्रसित थे कामत
इस बीमारी का एकमात्र इलाज है लिवर ट्रांसप्लांट ( Liver Transplant )

Nishikant Kamat Died Due to Liver Cirrhosis Know About This Disease

लिवर सिरोसिस नामक खतरनाक बीमारी से ग्रसित थे निशिकांत कामत।

नई दिल्ली। जाने-माने फिल्म निर्देशक ( Film Director ) निशिकांत कामत (Nishikant Kamat) अब इस दुनिया में नहीं रहे। निशिकांत कामत ‘Cirrhosis Of The Liver’ नामक बीमारी से ग्रसित थे। लंबे समय तक उनका इलाज चला, लेकिन आखिरकार सोमवार को उनका निधन हो गया। लिवर सिरोसिस ( Liver Cirrhosis ) बेहद ही खतरनाक बीमारी है और इसमें बचना ना के बरारबर है। आज हम आपको इस बीमारी के बारे में कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं। इसके लक्षण क्या हैं, इस बीमारी से किस तरह की समस्याएं होती हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए?
1. रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में लिवर सिरोसिस (Cirrhosis Of The Liver) की गिनती खतरनाक बीमारी में की जाती है। लिवर कैंसर ( Liver Cancer ) के बाद इसे ही सबसे खतरनाक माना जाता है। लिवर सिरोसिस में इंसान में लिवर धीरे-धीरे खराब होता चला जाता है और नॉर्मल तरीके से यह काम करना बंद कर देता है। बताया जाता है कि धीरे-धीरे इस बीमारी में लिवर की कोशिकाएं खराब हो जाती है और उनकी जगह फाइबर तंतु बनने लगते हैं। इसका बनावट भी बदल जाता है। लिवर के ज्यादा बिगड़ जाने पर लिवर ट्रांसप्लांट ( Liver Transplant ) ही इसका एकमात्र इलाज है।
2. बताया जाता है कि जिस किसी को भी लिवर सिरोसिस ( Liver Cirrhosis ) की समस्या होती है, उसमें शुरू में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। लेकिन, जब बीमारी तेजी से फैलने लगता है तो इसके लक्षण भी सामने आने लगते हैं। लोगों में थकान महसूस होने लगता है। बुखार भी आता है। अचानक वजन भी काफी बढ़ जाता है। या फिर उसमें कमी भी आ जाती है। साथ ही भूख लगना भी कम हो जाता है। शरीर पर लाल चकते भी पड़ने लगते हैं। पेट और पैर में सूजन होने लगता है। पेशाब का रंग भी बदल जाता है। इतना ही नहीं टॉयलेट से खून भी आना शुरू हो जाता है।
3. रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर आप शराब का सेवन ज्यादा करते हैं तो इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। लिवर में अगर वसा जमा हो जाता है तो भी इस बीमारी का खतरा बन जाता है। वहीं, हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण से भी लिवर सिरोसिस बीमारी के लोग शिकार होते हैं।
4. आमतौर पर इस बीमारी का पता नहीं चल पाता है। लेकिन, लिवर विशेषज्ञ इसकी पहचान आसानी से कर लेते हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ जांच की भी जरूरत पड़ती है। लेकिन, फाइब्रोस्कैन नामक जांच से इस बीमारी का तुरंत पता चल जाता है।
5. लिवर सिरोसिस का कोई ठोस इलाज नहीं है। लेकिन, मेडिसिन के जरिए इस बीमारी को ज्यादा गंभीर होने से रोका जा सकता है। मरीजों को जो परेशान होती है तो उसे दवा से रोका जा सकता है। लेकिन, इसका पूर्ण इलाज नहीं किया जा सकता है। इसके लिए लिवर प्रत्यारोण ही एकमात्र उपाय है।

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