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कोरोना काल में गडकरी का फार्मूलाः चार घंटे काम कर 20 हजार महीना की कमाई

कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दी जानकारी। सोलर चरखा ( Solar Charkha ) पर रोज 4 घंटे काम करके महिलाएं प्रति माह 20 हजार कमा ( Solar Charkha Mission Jobs ) सकती हैं। चरखे से निकले सूत को मंत्रालय खरीदेगा और महिलाओं को मिलेगा काम ( employment news ) और पैसे।

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MSME Minister Nitin Gadkari

MSME Minister Nitin Gadkari

मुंबई। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) से जूझ रहे देश में ना केवल अर्थव्‍यवस्‍था बल्कि लॉकडाउन ( coronavirus lockdown) में लोगों के रोजगार ( employment news ) भी काफी प्रभावित हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने देश के हालात संभालने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज भी घोषणा की थी। हालांकि उससे लोगों को प्रत्यक्ष रूप से उतना फायदा नहीं मिला। लेकिन केंद्रीय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ( Nitin Gadkari ) ने सोमवार को एक बड़ी घोषणा करते हुए जनता के एक बड़े समूह को रोजगार से जोड़ने का बड़ा फॉर्मूला बताया।

केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मंत्रालय 10 लाख महिलाओं को सोलर चरखा ( Solar Charkha ) देने जा रहा है। एक महिला रोजाना इस सोलर चरखे पर 4 घंटे काम करके एक महीने में 20 हजार रुपये तक की कमाई ( Solar Charkha Mission Jobs ) कर सकती है। उन्होंने कहा कि चरखा चलाकर महिलाएं जो सूत बनाएंगी, उसकी खरीदारी मंत्रालय करेगा।

इस दौरान उन्होंने कहा कि देसी गायों के गौमूत्र की भी तमाम विशेषताएं हैं। काफी पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुणे के एक इंस्टीट्यूट में गए थे जहां गाय के गौमूत्र से बिजली तैयार की गई थी। अपनी देसी गायों के गौमूत्र की भी अलग विशेषता है।

इससे पहले बीते बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्री ने भारतीय कंपनियों से आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने का आह्वान करते हुए वैश्विक विस्तार पर नजर रखकर काम करने के लिए कहा। उन्होंने कंपनियों से कहा कि वक्त की जरूरत है कि देश आयात पर निर्भरता कम करे और निर्यात को बढ़ाए।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले गडकरी ने कहा था कि जब वह भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर सफलता के लिए अपनी नजरें टिकाए देखता हैं तो उन्हें काफई गर्व महसूस होता है। उन्होंने इसे ही वास्तव में प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की धारणा भी करार दिया।

गडकरी ने आगे कहा कहा कि इन्नोवेशन, साइंस, टेक्नोलॉजी, रिसर्च, उद्यमशीलता और सफल गतिविधियों साथ ज्ञान को संपत्ति में बदलना देश के लिए उज्ज्वल भविष्य है। टेक्नोलॉजी को एडवांस बनाने की तत्काल जरूरत है, जिससे रोजगार पैदा होगा। खासकर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। गडकरी ने हरियाणा के मानेसर में ग्लोबल इनोवेशन पार्क में एक कंपनी के उद्घाटन के मौके पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये ये बातें कहीं।

गडकरी ने भविष्य में आने वाले नए उद्यमों का आह्वान करते हुए उन्हें अपना कामकाज घने शहरी इलाकों के बजाए दूरदराज के इलाकों में स्थापित करने को कहा। उन्होंने कंपनियों को आगाह किया कि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में औद्योगिक इकाईयों की बढ़ती तादाद से नए तरीके की शहरी समस्याएं सामने आ रही हैं।