
नई दिल्ली।
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बिहार चुनाव में अपनी पार्टी को मिली सफलता से खासे उत्साहित हैं। उन्होंने दावा किया है कि यह जीत राजद और कांग्रेस की उस चुप्पी का नतीजा है, जो सीएए और एनआरसी को लेकर इन दोनों पार्टी के नेताओं ने साध रखी है।
बता दें कि ओवैसी की पार्टी ने बिहार में उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया था। इस गठबंधन को सीमांचल क्षेत्र में 5 सीट पर जीत हासिल हुई है।
इस अप्रत्याशित जीत से राजनीतिक विश्लेषक भी हैरान हैं। ज्यादातर विश्लेषक यह दावा कर रहे थे कि सीमांचल क्षेत्र में मुस्लिम आबादी अधिक है और यह एनडीए को हराने के लिए महागठबंधन को वोट करेगी। लेकिन मुस्लिम आबादी ने ओवैसी की पार्टी पर अधिक भरोसा जताया, जिसकी उम्मीद कोई नहीं कर रहा था।
हालांकि, ओवैसी का कहना है कि वह इस जीत के प्रति पहले से आश्वस्त थे। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली इस सफलता के बाद उन्होंने अब और आगे बढऩे का फैसला किया है। उन्होंने सभी दलों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कह दिया है कि उनकी पार्टी आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव और उसके बाद उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी अपने प्रत्याशी उतारेगी।
गौरतलब है कि ओवैसी पर भाजपा की बी टीम होने का आरोप लगता रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भी राजद नेता तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ओवैसी पर वोट काटने का आरोप मढ़ा है। इन सबका जवाब देते हुए ओवैसी कहतेे हैं, हमारा काम है चुनाव लडऩा। यह अधिकार हमें लोकतंत्र ने दिया है। आप जो चाहे कर लें, मैं बंगाल और उत्तर प्रदेश का चुनाव भी लड़ूंगा।
Published on:
12 Nov 2020 08:35 am
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