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हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला- अब 1 फरवरी शाम 5 बजे तक 14 जिलों में इंटरनेट बैन

locationनई दिल्लीPublished: Jan 31, 2021 08:12:14 pm

Submitted by:

Mohit sharma

Farmer Protest को देखते हुए Haryana की सरकार ने इंटरनेट प्रतिबंध की समय सीमा को बढ़ा दिया
Haryana प्रदेश सरकार ने अब 1 फरवरी शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवा को बंद रखने का फैसला लिया है

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला- अब 1 फरवरी शाम 5 बजे तक 14 जिलों में इंटरनेट बैन

हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला- अब 1 फरवरी शाम 5 बजे तक 14 जिलों में इंटरनेट बैन

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन (Farmer Protest) को देखते हुए हरियाणा (Haryana) की खट्टर सरकार ने इंटरनेट प्रतिबंध की समय सीमा को बढ़ा दिया है। प्रदेश सरकार ने अब 1 फरवरी शाम 5 बजे तक इंटरनेट सेवा को बंद रखने का फैसला लिया है। इस दौरान प्रदेश के 14 जिले इंटरनेट सेवा (Internet Service Ban) से प्रभावित रहेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले सरकार ने 17 जिलों में इंटरनेट सर्विस पर रोक लगाई थी।

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इन जिलों में इंटरनेट सेवा बैन रखेंगे

फिलहाल हरियाणा के जिन जिलों को इंटरनेट सेवा से वंचित रखा गया है, उनमें अंबाला, यमुनानगर, रोहतक, भिवानी, चरखी, दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र, जींद, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार और सिरसा शामिल हैं। इससे पहले सरकार की ओर इन सभी जिलों में नॉर्मल कॉलिंग को छोड़कर अन्य सभी इंटरनेट सेवाओं को 30 जनवरी, 2021 शाम 5 बजे बैन रखने का फैसला लिया गया था। इसके साथ ही साथ ही सोनीपत, पलवल व झज्जर में पहले से ही इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं।

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लाउडस्पीकर का इस्तेमाल शुरू कर दिया

वहीं, हरियाणा सरकार के इस फैसले के विरोध में राज्य की विभिन्न खाप पंचायतों ने इन सभी 17 जिलों के किसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की शुरुआत कर दी है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जींद जिले में 17 खाप पंचायतों के प्रधानों ने कृषि कानूनों को लेकर अपने विचार गांव-गांव और किसानों तक पहुंचाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। किसान नेताओं की मानें तो लाउडस्पीकर्स के माध्यम से 306 किसानों तक सीधे अपनी बात पहुंचाई जा सकती है। किसानों ने इन लाउडस्पीकर गांवों के मंदिरों पर लगवाया है।

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भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए से नाता तोड़ लिया

वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा के पास गाजीपुर पहुंचकर किसानों को अपना समर्थन दिया। अकाली दल ने विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए से नाता तोड़ लिया है। बादल के आगमन से पहले, भारत किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने घोषणा की कि किसी भी राजनेताओं को मुख्य मंच पर बोलने के लिए माइक्रोफोन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि उन्हें राजनीतिक नेताओं को मंच का इस्तेमाल करने और प्रदर्शनकारियों को संबोधित करने की अनुमति देने पर नोटिस प्राप्त हुआ है।

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