
नई दिल्ली.
बड़े और छोटे पर्दे की इंडस्ट्री पर अब छह इंच की मोबाइल स्क्रीन का कब्जा हो गया है। देश में आॅन डिमांड वीडियो स्ट्रीमिंग एप का दौर तेजी से चल रहा है। दूसरे शब्दों में इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म के तौर पर भी जाना जाता है। आज यहां बड़ी फिल्में रिलीज हो रही हैं, कारोबार कर रही हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म ने लॉकडाउन के दौरान पेड सब्सक्रिप्शन में 31 फीसदी की तेजी दर्ज की है।
यही वजह है कि 36 सौ करोड़ के इस बाजार को 2023 तक 36 हजार करोड़ के पार जाने की उम्मीद की जा रही है। फिलहाल ओटीटी का बाजार दो मॉडल पर आगे बढ़ रहा है, एक पेड सब्सक्रिप्शन है तो दूसरा विज्ञापन देखने के एवज में सब कुछ फ्री दिखा रहा है।
पसंद की बड़ी वजह
— अपनी मर्जी से कुछ भी देखने की आजादी
— कंटेंट को अपनी सुविधा से आगे—पीछे करने की आजादी
— समय और जरूरत के हिसाब से देखने की आजादी
— कंटेंट की जरूरत से ज्यादा उपलब्धता
40 मिनट औसत व्यूअरशिप
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एक्सक्लूसिव कंटेंट उपलब्ध कराने की होड़ शुरू हो गई है। यही वजह है कि भारतीय औसतन 40 मिनट ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बिता रहे हैं। हालांकि ओटीटी कंपनियों की नजर ऐसे 9 करोड़ उपयोगकर्ताओं पर है जो बिना पेड सब्सक्रिप्शन के इस बाजार का मजा ले रहे हैं।
सब्सक्रिप्शन और विज्ञापन आधारित प्लेटफॉर्म
देश में ओटीटी प्लेटफॉर्म दो रास्तों से आगे बढ़ रहा है। एक है जो पेड सब्सक्रिप्शन के जरिए आगे चल रहा है। जबकि दूसरा रास्ता विज्ञापन के जरिए है, जिसमें कंटेंट देखने का पैसा नहीं लगता है लेकिन उसके बदले में विज्ञापन देखने पड़ते हैं। जबकि पेड सब्सक्रिप्शन में विज्ञापन देखने की बाध्यता नहीं होती है। यूट्यूब ने भी दोनों सर्विस उपलब्ध करा दी है
देश में इस तेजी से बढ़े पेड सब्सक्राइबर
माह- उपभोगकर्ता
जनवरी- 2.14 करोड़
फरवरी- 2.20 करोड़
मार्च- 2.22 करोड़
अप्रेल- 2.72 करोड़
मई- 2.77 करोड़
जून- 2.80 करोड़
जुलाई- 2.90 करोड़
स्रोत : इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के आंकड़े
Updated on:
17 Dec 2020 10:46 am
Published on:
17 Dec 2020 10:25 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
