20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मन्नान वानी की मौत पर भिड़े उमर अब्दुला और गौतम, दोनों ने एक दूसरे को लेकर कह दी इतनी ‘गंभीर’ बात

मन्नान वानी की मौत पर गंभीर और उमर अब्दुला आपस में भिड़े।

2 min read
Google source verification
gambhir

मन्नान वानी की मौत पर भिड़े उमर अब्दुला और गौतम, दोनों ने एक दूसरे पर लगाए 'गंभीर' आरोप

नई दिल्ली। एनकाउंटर में मारे गए आतंकी मन्नान वानी की मौत पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला और क्रिकेटर गौतम गंभीर के बीच जंग छिड़ गई है। गौतम गंभीर ने महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुला, भाजपा और कांग्रेस को टैग करते हुए शुक्रवार को एक ट्वीट किया। गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आपको शर्म से सिर नीचे कर लेना चाहिए, क्योंकि आपको कारण एक युवा किताब से गोलियां चलाने पर मजबूर हुआ है। उन्होंने आगे लिखा कि हमने एक आतंकी, एक कट्टर टैलेंट को मारा है।

गंभीर और उमर अब्दुला के बीच ट्विटर वॉर

गंभीर के इस ट्वीट पर और किसी ने तो बयान नहीं दिया, लेकिन जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ट्वीट का रिप्लाई करते हुए लिखा कि गंभीर को नक्शे पर मन्ना के घर का जिला भी नहीं पता होगा, लेकिन ये बात कर रहे हैं कि कश्मीर में एक युवा कैसे बंदूक उठा लेता है। उन्होंने आगे लिखा कि गंभीर को कश्मीर के बारे में उतना ही पता है, जितना मुझे क्रिकेट के बारे में। मुझे क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं मालूम।

गौतम और अब्दुला ने एक दूसरे पर लगाए 'गंभीर' आरोप

उमर अब्दुला के इस ट्वीट के बाद माहौल गरमा गया और गंभीर ने उन्हें टैग करते हुए फिर एक ट्वीट किया। इस बार गंभीर ने ट्वीट में लिखा कि आप नक्शे के बारे में बात मत ही करो, आपने तो कश्मीर को पाकिस्तान के नक्शे में जोड़ने में बहुत मेहनत की है। आप बताओ कि आपने और आपके साथी नेताओं ने कश्मीरी युवा के लिए किया ही क्या है? इसके जवाब में उमर ने लिखा कि हाल ही में मेरी पार्टी के दो साथियों कि आतंकियों ने हत्या कर दी थी। साल 1988 से अब तक पार्टी के हजार से अधिक कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं। मैं राष्ट्रवाद और बलिदान पर आपसे बहस नहीं करना चाहता, जिसको इसका अर्थ ही न पता हो। इस पर गंभीर ने ट्वीट किया कि उमर अब्दुल्ला जी आप अकेले नहीं है, आप जैसे अधिकांश राजनेता हैं, जिन्हें शीशा देखने की आदत नहीं है। यही कारण है कि आज देश में खून बह रहा है। राष्ट्रवाद और बलिदान को वास्तविक चरित्र के पुरुषों की आवश्यकता है, न कि आप जैसे दिखावटी लोगों की, जिनका दिखावटी प्रेम सोशल मीडिया के 280 शब्दों की लिमिट में सीमित है।


बड़ी खबरें

View All

विविध भारत

ट्रेंडिंग