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वन नेशन वन राशन कार्ड: जून में पूरा होना था लक्ष्य, इसे अगस्त तक क्यों बढ़ाया गया?

पहले 1 जून से लागू होनी थी योजना उत्तर भारत में लागू करने में आ रही थी दिक्कत देश के किसी भी हिस्से में मिल सकेगा राशन

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-अनुराग मिश्रा

नई दिल्ली। केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान ने इसी साल जनवरी महीने में कहा था कि एक जून से देश के सभी राज्यों में राशन कार्ड एक तरह का ही होगा। 'वन नेशन-वन कार्ड' (One Nation One Ration Card) योजना एक जून से देशभर में लागू हो जाएगाी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को वन नेशन वन कार्ड के लागू होने का समय अगस्त में तय किया है।

जरूरत अब, तो अगस्त तक क्यों खींचा गया लक्षय?

हैरानी की बात है कि जिस लक्ष्य को जून तक पूरा होना था उसे अगस्त तक क्यों ले जाया गया? पासवान ने कहा था कि वन नेशन-वन कार्ड की शुरुआत 1 जून तक शुरू करने का लक्ष्य है। उस समय कोरोना संक्रमण के खतरे से देश बेखबर था। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि 12 राज्य इस स्कीम से जुड़ चुके हैं और 17 राज्य और जुड़ने वाले हैं। पासवान ने उम्मीद जताई थी कि वन नेशन वन कार्ड के आने का लाभ यह होगा कि देश के किसी भी हिस्से में राशन कार्डधारी अपने कार्ड से राशन ले सकेंगे। 16 राज्यों में इस योजना की शुरुआत की घोषणा भी की जा चुकी थी। केंद्रीय मंत्री ने उस वक्त माना था कि उत्तर भारत मे इस योजना को लागू करने में कुछ परेशानी आ रही है। बिहार, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में अभी काम शुरू नहीं हुआ है। बिहार में 44 हजार से अधिक कार्ड रद्द किए गए थे। यही नहीं 1 मई यानी लॉकडाउन 3 के दौरान पासवान ने कहा था कि बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, दमनदीव इस योजना से जुड़ गए है।


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