
नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) ने देश की अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) को हिला कर रख दिया है। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे उद्यमों पर देखने को मिला है।
एक सर्वे के अनुसार देश में लगभग एक तिहाई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम MSME बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं।
सरकारी आंकड़े के अनुसार देश में कुल 6 करोड़ MSME हैं, जिन्होंने 11 करोड़ लोगों को रोजगार दिया है।
यही वजह है कि अगर ज्यादा संख्या में MSME बंद होंगे तो करोड़ों लोग सड़क पर आ सकते हैं।
MSME तक नहीं पहुंचे आर्थिक पैकेज
अखिल भारतीय निर्माता संगठन (ऑल इंडिया मैन्युफैक्चर्रर्स एसोसिएशन) के सर्वे के मुताबिक देशभर के लगभग 35 प्रतिशत एमएसएमई बंद हो सकती हैं।
यही नहीं अपना खुद का रोजगार करने वाले 37% लोगों ने भी अपने कारोबार बंद करने का मन बना लिया है। छोटे-मोटे उद्यम चला रहे इन लोगों को बिजनेस पटरी पर न आने की आशंका है।
अखिल भारतीय निर्माता संगठन ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने जो आर्थिक पैकेज जारी किए हैं वो जमीन तक नहीं पहुंच पाए हैं।
इसके बाद लॉकडाउन में आर्थिक गतिविधियां बंद होने का इनको भारी नुकसान हुआ है। संगठन का तो यहां तक कहना है कि बिजनेस को इतना बड़ा नुकसान पहले कभी देखने को नहीं मला था।
46 हजार से अधिक उद्यमी सर्वे में शामिल
सर्वे में बताया कि देश में 25 मार्च के बाद से लागू देशव्यापी लॉकडाउन ने सारे कारोबार चोपट कर दिए और इस अवधि में किसी तरह का व्यापार नहीं हो पाया।
दरअसल, सर्वे में 46 हजार से अधिक उद्यमियों को शामिल किया गया था। अखिल भारतीय निर्माता संगठन के पूर्व अध्यक्ष केई रघुनाथन ने कहा कि भारत में 6.5 करोड़ से अधिक एमएसएमई हैं, जिन्होंने 15 करोड़ लोगों को रोजगार दिया है।
जबकि 13 करोड़ लोग अपना खुद का रोजगार कर रहे हैं। भारत की आजादी के बाद ऐसा पहली बार है, जब इस सेक्टर को इतना बड़ा नुकसान पहुंचा है।
Updated on:
02 Jun 2020 07:38 pm
Published on:
02 Jun 2020 07:35 pm
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