
नए जवानों की तैनाती से Indian Army की मारक क्षमता में होगी बढ़ोतरी।
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में भारत-चीन सीमा ( India-China Border ) पर तनाव पहले की तरह जारी है। फिलहाल इसमें कमी के आसार भी नहीं है। ड्रैगन भारत के खिलाफ विस्तारवाद नीति पर पहले की तरह अडिग है। इसके लिए वह एलएसी पर जरूरी सैन्य साजो सामान लगातार जुटा रहा है। चीन ( China ) की इस मंशा को भांपकर भारतीय सेना ने अब लद्दाख की चोटियों पर रोटेशन की रणनीति के तहत चौकसी सुनिश्चित करने के लिए नए जवानों की तैनाती शुरू कर दी है।
सेना की रणनीति पीएलए ( PLA ) के जवानों को इस बार ठंड में भी सबक सिखाने के मूड में है। भारत की इस रणनीति को एलएसी पर लंबे समय तक डटे रहने की नीति के रूप में देखा जा रहा है।
युद्ध की रणनीति पर काम जारी
सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक रोटेशन के आधार पर जवानों की तैनाती का मकसद सेना की युद्ध क्षमता को धार देना है। इसलिए उन्हें 2 से 3 महीनों में वहां से हटा दिया जाता है। पहले से ड्यूटी पर तैनात सैनिकों की जगह नए जवानों की तैनाती की जाती है।
नए जवानों की तैनाती पर जोर
वर्तमान में वहां पर तैनात सैनिक 4 से 6 माह से तैनात है। इसलिए अब जो सैनिक वहां पहले से तैनात हैं उन्हें मैदानी इलाकों में भेजा जा रहा है। वहां नए सैनिकों को भेजने से पहले से उन्हें जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक सीमा पर इस समय सैनिकों की बढ़ाने के बदले नए जवानों की तैनाती पर जोर दे रहा है।
सीमा पर 50 हजार से ज्यादा सैनिक
आपको बता दें कि दोनों देशों के 50 हजार से ज्यादा सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात हैं। सैनिकों को पीछे हटाने को लेकर लगातार बातचीत हो रही है लेकिन आठ दौर की सैन्य वार्ता के बाद भी अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
Updated on:
22 Oct 2020 08:52 am
Published on:
22 Oct 2020 08:46 am
बड़ी खबरें
View Allविविध भारत
ट्रेंडिंग
