जेएमआई विश्वविद्यालय के छात्रों ने सरकार के समक्ष नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने की मांग की है। जेएमआईयू परिसर के बाहर विरोध-प्रदर्शन स्थल पर मौजूद छात्र-छात्राओं के मुताबिक छात्र सीएए के विरोध में क्रमिक भूख हड़ताल पर हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के विरोध प्रदर्शन का बुधवार 20वां दिन था। जेएमआईयू छात्र आंदोलन समिति से जुड़े आफताब के मुताबिक छात्र अब लगातार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे और यह भूख हड़ताल मांगें पूरी होने तक चलती रहेगी।
जामिया छात्रों की सबसे पहली और बड़ी मांग सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस लेने की है। भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की अन्य मांगों में देश भर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों की निष्पक्ष जांच कराने, पुलिस हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा करने, शांतिपूर्वक प्रदर्शनों में शामिल रहे लोगों के खिलाफ हुई एफआईआर वापस लेने, हिंसा के शिकार प्रदर्शनकारियों को मुआवजा देने, इंटरनेट सेवाएं सुचारु करने जैसी मांगें शामिल हैं।
दूसरी तरफ बुधवार को बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह नववर्ष की शुभकामनाएं नहीं देंगे, क्योंकि यह अंग्रेजी नववर्ष अंग्रेजों का प्रतीक है।
उन्होंने विरोध-प्रदर्शन स्थल पर मौजूद महिलाओं और जामिया की लड़कियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस आंदोलन में महिलाओं की भूमिका को देखते हुए यह आवश्यकता महसूस होती है कि देश को बेटियों के हाथों में सत्ता सौंप देनी चाहिए। देश की संस्कृति, संविधान, पहचान की रक्षा का दायित्व महिलाएं सफल रूप से उठाएंगी।
बता दें कि मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव भी जामिया छात्रों का समर्थन करने जामिया विश्वविद्यालय पहुंचे थे।