
कोरोना के चलते बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिफ्ट कर रहे पैरेंट्स
नई दिल्ली। कोरना वायरस ( Coronavirus ) का खतरा लगातार बढ़ रहा है। कोरोना और लॉकडाउन ( Coroan Lockdown ) की वजह से कोरोबार जगत के साथ-साथ कई क्षेत्रों पर इसका सीधा असर पड़ा है। वहीं में पंजाब के शिक्षा विभाग ( punjab Education Department ) के लिए ये कोरोना संकट स्कूल में विद्यार्थी की तादाद बढ़ाने में काफी हद तक मदद कर रहा है।
अभिभावक ( Parents ) प्राइवेट स्कूलों ( Punjab Private School ) से निकाल सरकारी ( Punjab Government School ) स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन करवा रहे हैं। दरअसल पीछे कोरोना संकट की वजह से आया आर्थिक संकट तो है ही, लेकिन और कुछ कारण हैं जो अभिभावकों को सरकारी स्कूलों की तरफ आकर्षित कर रहे हैं।
सेक्टर 44 के एक निजी स्कूल में अपनी बेटी को पढ़ा रहे जसविंदर सिंह कहते हैं कि निश्चित रूप से सरकारी स्कूल की तरफ बच्चों को ले जाना आसान निर्णय नहीं होता है। लेकिन हालात और जरूरतों के मुताबिक मेरी तरह कई अभिभावक अब इस पर गंभीरता से विचार करने के बाद बच्चों को सरकारी स्कूल में शिफ्ट कर रहे हैं।
सरकारी स्कूलों में प्रवेश का सिलसिला 15 जून को शुरू हुआ। चूंकि अभी एक सप्ताह ही हुआ है, और अधिकांश माता-पिता अभी भी स्पष्ट नहीं हैं कि क्या वे निकट भविष्य में अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगे या नहीं, कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है।
एक जिले में 514 एडमिशन
जिला रूपनगर में प्राइवेट स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में आने वाले विद्यार्थियों का ग्राफ एकदम उछाल पर है।जिले में 514 विद्यार्थी ऐसे हैं जिन्होंने सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए ऑनलाइन फार्म भर दिए हैं।
अहम बात ये है कि जिन प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए फार्म भरे हैं। उनमें कई नामचीन स्कूल शामिल हैं। इनमें सीबीएसई बोर्ड के भी कई स्कूल शामिल हैं।
शिक्षा विभाग की है ये सोच
शिक्षा विभाग के अधिकारी सरकारी स्कूलों की तरफ प्राइवेट खासकर सीबीएसई बोर्ड वाले स्कूलों के विद्यार्थियों के झुकाव के लिए सरकारी स्कूलों में ढांचागत और ई कंटेंट और उच्च शिक्षित स्टाफ होने को वजह मान रहे हैं।
प्रतियोगी परीक्षा भी एक कारण
एक सरकारी स्कूल शिक्षक कहते हैं हमारे पास निजी स्कूलों के दस से पंद्रह छात्र हैं जो हमारे स्कूलों में कक्षा 9 में प्रवेश चाहते हैं। सेक्टर 18 के सरकारी स्कूलों के एक प्रिंसिपल का कहना है। हर साल, कई नए छात्र सरकारी स्कूलों में उच्च कक्षाओं में शामिल होते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि कई छात्र अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं और मानते हैं कि सरकारी स्कूलों में शिक्षाविदों का बोझ कम होगा, जिससे उन्हें मेडिकल और इंजीनियरिंग आदि के लिए प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए समय मिलेगा।
पंजाब के अकेले रूपनगर जिले में अब तक 50 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में दाखिले के लिए हैं आवेदन आ चुके हैं। इनमें 514 से ज्यादा बच्चे निजी से सरकारी स्कूल में शिफ्ट हो रहे हैं।
Published on:
26 Jun 2020 06:18 pm
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