17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पतंजलि ने जिसके साथ मिलकर बनाई कोरोना की दवा, जानें कौन है वो डॉक्टर

Coronavirus संकट के बीच आई Patanjali Corona Medicine NIMS University के Vice Chancellor Dr Balveer Tomar के साथ मिलकर patanjali ने बनाई दवा Baba Ramdev ने बताया डॉक्टर तोमर के बिना मुश्किल था लक्ष्य, मिल चुका है राजीव गांधी पुरस्कार

2 min read
Google source verification

image

Dheeraj Sharma

Jun 23, 2020

Patanjali make corona medicine

डॉ. बलवीर सिंह तोमर के साथ पतंजलि ने बनाई कोरोना की दवा

नई दिल्ली। पूरी दुनिया इस वक्त कोरोना वायरस ( Coronavirus ) से जंग लड़ रही है। देशभर में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या साढ़े चार लाख के पार हो चुकी है। इस बीच देश में कोरोना वैक्सीन ( Corona Vaccine ) को लेकर बड़ी सफलता मिली है। पतंजलि ( Patanjali ) ने मंगवार को दावा किया है उन्होंने कोरोना वायरस की दवा बना ली है। योग गुरु बाबा रामदेव ( Yog Guru Baba Ram Dev ) ने खुद मीडिया के सामने इस बात का ऐलान किया है।

पतंजलि ने जिस डॉक्टर के साथ मिलकर इस महामारी की दवा को बनाया है वो हैं निम्स यूनिवर्सिटी ( Nims University ) के चांसलर और संस्थापक डॉ. प्रोफेसर बलवीर सिंह तोमर ( Dr Balveer Singh Tomar )।

घर में स्टॉक कर लें जरूरी चीजें, अगले पांच दिन तक देश के इन इलाकों में होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

पुरी जगन्नाथ मंदिर में यात्रा से पहले सेवायत निकला कोरोना पॉजिटिव, मच गया हड़कंप, तुरंत भेजा गया अस्पताल

राजस्थान से खास नाता
कोरोना दवा का इजात करने वाले पतंजलि के आर्चाय बालकृष्ण ने इस दवा को बनाने का श्रेय प्रो. तोमर को दिया। आपको बता दें कि प्रो. तोमर का राजस्थान के साथ खास कनेक्शन है। दरअसल निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान की ही है और प्रो. तोमर इस यूनिवर्सिटी के चांसलर हैं।

हालांकि इस यूनिवर्सिटी में चांसलर बनने से पहले डॉ. तोमर ने राजस्थान स्थि‍त संवाई मानसिंग मेडिकल कॉलेज में कॉम किया।

आचार्य बालकृष्ण की मानें तो प्रो. तोमर के बिना ये सफलता मिलना मुश्किल थी।

विदेश में की पढ़ाई और रिसर्च
कोरोना की दवा विकसित करने में अहम योगदान देने वाले डॉ. बलवीर सिंह तोमर ने किंग्स कॉलेज हास्प‍िटल स्कूल ऑफ मेडिसिन लंदन से पढ़ाई की। इसके बाद इंग्लैंड में काम किया। इस दौरान वहां की हावर्ड यूनिवर्सिटी में डॉ. तोमर ने कई रीसर्च का काम किया।

WHO के कई प्रोजेक्ट से जुड़े
डॉ. तोमर बाल स्वास्थ्य को लेकर काफी काम कर चुके हैं। इसकी वजह से वे WHO के साथ कई प्रोजेक्ट से भी जुड़े रहे। डॉ. तोमर को इस क्षेत्र में अनुकरणीय कार्यों के लिए कॉमनवेल्थ मेडिकल की उपाधि‍ भी मिली।
डॉ. तोमर को उनके काम के लिए राजीव गांधी अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

आपको बता दें कि डॉ. तोमर के अलावा इस प्रोजेक्ट में डॉ. प्रोफेसर जी देवपुरा भी शामिल थे। वे भी निम्स यूनिवर्सिटी में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख हैं। डॉ. देवपुरा को भी चिकित्सा के क्षेत्र में 36 वर्षों का अनुभव है।