
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: पटना हाईकोर्ट ने दो हफ्ते में CBI को रिपोर्ट सौंपने को कहा
पटना: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में की जाएगी। हाईकोर्ट ने इसपर सहमति जता दी है। बिहार सरकार की ओर से शेल्टर होम कांड की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में करने के लिए सोमवार को पत्र लिखा गया था। जिसपर हाईकोर्ट ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सीबीआई को दो हफ्ते में रिपोर्ट सौंपने को निर्देश दिया है। साथ ही उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से शेल्टर होम की बच्चियों की सही-सही पुनर्वास और रहन सहन के बारे में जानकारी देने को कहा है। पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कहा कि उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए मामले की निगरानी करेगी।
CBI की टीम मुजफ्फरपुर पहुंची
वहीं मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप केस की जांच के लिए सीबीआई की टीम दिल्ली से मुजफ्फरपुर पहुंच चुकी है। सीबीआई टीम मामले की जांच शुरू कर दी है। इधर राज्य सरकार ने एक और कार्रवाई करते हुए भागलपुर बालिका गृह के पूर्व अधीक्षक प्रदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है।
छह अधिकारी निलंबित
वहीं इस मामले में बिहार सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बाल कल्याण संरक्षण निकाय के सहायक निदेशक को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा अररिया, मधुबनी, भोजपुर, भागलपुर और मुंगेर के सहायक निदेशकों को भी सस्पेंड किया गया है। ये कार्रवाई टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने की। निलंबित होने वाले सहायक निदेशक अधिकारियों के नाम दिवेश कुमार शर्मा, घनश्याम रविदास, कुमार सत्यकाम, आलोक रंजन, गीताजंली प्रसाद, सीमाकुमारी हैं।
आरोपी संचालक ब्रजेश ठाकुर का आर्म्स लाइसेंस रद्द
वहीं एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति के संचालक बृजेश ठाकुर के आर्म्स लाइसेंस को सरकार ने रद्द कर दिया है। इसके साथ ही मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी मोहम्मद सोहेल ने बृजेश ठाकुर को जारी किए गए सभी हथियार को 48 घंटे के अंदर वापस जमा करा लिया। बृजेश ठाकुर के पास एक पिस्टल और एक राइफल का लाइसेंस हैं
Published on:
06 Aug 2018 04:13 pm
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