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बीवियों से पीड़ित पुरुषों के लिए है ये आश्रम, पत्नी के अत्याचारों के बाद आ चुके हैं सैकड़ों पति

आश्रम में रहने वाले पुरूष ही पैसे जमा कर यहां का खर्च उठाते हैं।

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Ravi Gupta

Jan 05, 2018

Ashram

नई दिल्ली। आज तक आपने कई आश्रमों के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी पत्नी पीडि़त आश्रम के बारे में सुना है? जी हां महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एक ऐसा ही आश्रम है जो कि पत्नी पीडि़तों ने समाज के अन्य पत्नी पीडि़तों के लिए खोला है। औरंगाबाद से करीब 12 किलोमीटर दूर मुंबई-शिरडी हाइवे पर ये आश्रम बना है। इस आश्रम में सलाह लेने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। अब तक यहां 500 लोग सलाह ले चुके हैं। बाहर से तो ये आश्रम एक सामान्य से घर की तरह लगता है लेकिन अंदर से ये बिल्कूल अलग है।

अंदर घुसते ही एक कमरा बना हुआ है जिसका उपयोग आश्रम के ऑफिस के रूप में करते हैं। कार्यालय के अंदर थर्माकोल से एक बहुत बड़ा कौआ बना हुआ है और रोज सुबह-शाम अगरबत्ती जलाकर इस कौएं की पूजा की जाती है। ऐसा करने के पीछे का कारण जब यहां के लोगों से पूछा गया तो उनका ये कहना था कि मादा कौआ बच्चों का जन्म देकर उड़ जाती है और नर कौआ ही उनका पालन-पोषण करते हैं, पत्नी पीडि़त पति की स्थिति भी बहुत हद तक ऐसा ही होता है जिस कारण यहां कौएं की पूजा की जाती है। इस आश्रम के संस्थापक भारत फुलारे है जो कि स्वयं अपनी पत्नी से पीडि़त होने का दावा करते हैं।

19 नवंबर,2016 को पुरूष अधिकार दिवस के मौके पर उन्होंने इस आश्रम की शुरूआत की। उनके अनुसार इस आश्रम के नियम है जैसे कि इस आश्रम में उन्हीं पुरूषों को दाखिला मिलेगा जिन पर पत्नी के 20 केस दाखिल हों, दूसरा शादी का विचार उक्त व्यक्ति के मन में न हो और गुजारा भत्ता न चुकाने पर जेल में जाकर लौटा हुआ व्यक्ति यहां आ सकता है। ये आश्रम 1200 स्केव्यर फीट की जमीन पर बनी हुई है। इसमें तीन कमरें बने हुए है। आश्रम में रहने वाले पुरूष ही पैसे जमा कर यहां का खर्च उठाते हैं। यहां पर पीडि़तो का निशुल्क कांउसिलिंग किया जाता है।


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