ऐसे में केंद्र व राज्य सरकारों की एक नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे उन बच्चों व परिवारों के बेहतर भविष्य के लिए सकारात्मक कदम उठाएं।
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इसी भाव के साथ मध्य प्रदेश और दिल्ली सरकार के नक्शेकदम पर चलते हुए अब आंध्र प्रदेश की सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। आंध्र प्रदेश की वाईएस जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए अनाथ बच्चों को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की है। रेड्डी सरकार ने राज्य के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना महामारी की वजह से अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए उनके बैंक खाते में 10 लाख रुपये जमा करने की दिशा में काम करें।
फिक्सड डिपोजिट के रुप में जमा होंगे पैसे
बता दें कि COVID-19 संक्रमण के कारण देशभर में कई बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है। कोरोना की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ाई ने कई बच्चों को असुरक्षित और कमजोर बना दिया है, खासकर उन बच्चों को जिन्होंने घातक वायरस के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है।
ऐसे में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने यह समझते हुए कि इन बच्चों का भविष्य खतरे में है, प्रत्येक अनाथ बच्चे के लिए 10 लाख रुपये की सावधि जमा (Fixed Deposit) करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
बच्चे के 25 साल होने तक रहेगा FD
मुख्यमंत्री रेड्डी ने अधिकारियों को बैंकों के साथ एक वित्तीय पैकेज तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि यह राशि तब तक सावधि जमा (FD) के तहत रहेगी जब तक कि बच्चा 25 साल का नहीं हो जाता। साथ ही उन्होंने अधिकारियों को सर्वोत्तम ब्याज राशि प्रदान करने वाली योजना पर काम करने के लिए भी कहा है, जो राशि बच्चे/अभिभावक को हर महीने मिल सकता है।
आंध्र प्रदेश में बढ़ा लॉकडाउन
आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने मई के अंत तक आंशिक कर्फ्यू को बढ़ा दिया है। सीएम रेड्डी ने यह भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिन्हें वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।
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अधिकारियों ने बताया है कि राज्य में अब तक नौ ब्लैक फंगस के मामले सामने आए हैं, सीएम ने अधिकारियों को इस नए खतरे से सावधान रहने के लिए कहा और उन्हें राज्य में संक्रमण की पहचान करने के लिए एक प्रोटोकॉल स्थापित करने का निर्देश दिया।
सीएम रेड्डी ने आगे कहा, “उन मरीजों को आरोग्यश्री कल्याण योजना के तहत मुफ्त इलाज दिया जाना चाहिए। ऐसे मरीजों का इलाज करने वाले अस्पतालों की पहचान की जानी चाहिए।” जहां तक टीकाकरण अभियान का सवाल है, लगभग 21.74 लाख लोगों ने COVID वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली हैं, जबकि 31.59 लाख लोगों ने पहली खुराक ली है। मौजूदा समय में आंध्र प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 2,10,436 सक्रिय मामले हैं।