देश में कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति पर मीडिया से बात कर रहे नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की रोक थाम के लिए दुनिया की सबसे पहले वैक्सीन के रूप में पहचान बनाने वाली स्पूतनिक-वी का स्थानीय उत्पादन इस साल जुलाई में शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हैदराबाद बेस्ड डॉ. रेड्डी की लैब में निर्माण शुरू किया जाएगा। आपको बता दें कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ( डीसीजीआई ) ने अप्रैल में स्पूतनिक वी के इमरजेंसी यूज की अनुमति दी थी। कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद भारत में लगने वाली यह तीसरी कोरोना वैक्सीन होगी। पुणे बेस्ड सीरम इंस्टीट्यृट ऑफ इंडिया कोविशील्ड का निर्माण कर रही है, जबकि हैदराबाद बेस्ड भारत बायोटेक इंटरनेशल लिमिटेड ने कोवैक्सीन को विकसित किया है।
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जानकारी के अनुसार रूस में पिछले साल 11 अगस्त को कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी को मंजूरी मिली थी। यह वैक्सीन कोरोना संक्रमण की रोकथाम में 91.6 प्रतिशत तक कारगर बताई जाती है। यही वजह है कि दुनिया के 50 से ज्यादा देशों में इस वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ( आरडीआईएफ ) ने भारत में स्पूतनिक वी की 750 मिलियन डोज का कॉंट्रेक्ट साइन किया है।