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दुनिया में सबसे पहले : फाइजर वैक्सीन को ब्रिटेन में मंजूरी, स्पूतनिक-वी से रूस में लगेगा टीका

Highlights. - इंतजार खत्म, रूस और ब्रिटेन में टीका अगले सप्ताह से- भारत में भी स्पूतनिक का ह्यूमन ट्रायल जारी, वैक्सीन जल्दी आने की उम्मीद जगी- एमआरएनए आधारित वैक्सीन 95 फीसदी तक है कारगर, 248 दिनों में बनी  

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Ashutosh Pathak

Dec 03, 2020

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नई दिल्ली.

कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन को लेकर दुनिया का इंतजार खत्म हो गया है। फाइजर कोविड वैक्सीन को ब्रिटेन सरकार ने मंजूरी दे दी है। ब्रिटिश सरकार ने अगले हफ्ते से आम लोगों का वैक्सीनेशन शुरू करने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर, रूस में राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अगले हफ्ते से देश में आम लोगों को स्पूतनिक—वी का वैक्सीनेशन शुरू करने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं।

ब्रिटेन और रूस दुनिया में पहले देश होंगे, जहां सबसे पहले आम लोगों को वैक्सीन मिलेगी। इसके साथ ही देश में भी नई उम्मीदें जगी हैं, माना जा रहा है कि देश में जल्द ही स्पूतनिक—वी वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध होगी। यहां वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल जारी है।

21 दिन में दी जाएगी दूसरी बूस्टर डोज
ब्रिटिश नियामक एमएचआरए का कहना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ 95 फीसदी तक सुरक्षा प्रदान करने वाली वैक्सीन लोगों को लगाने के लिए तैयार है। अगले सप्ताह से टीकाकरण शुरू हो सकता है। आम लोगों को वैक्सीन के दो इंजेक्शन दिए जाएंगे। वैक्सीन की दूसरी डोज 21 दिनों के बाद दी जाएगी।

एमआरएनए वैक्सीन : ऐसे करती है काम
यह एमआरएनए वैक्सीन बनाई है। इसका मतलब ये है कि कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड का एक हिस्सा शरीर में इंजेक्ट किया जाएगा। ये शरीर में वॉयरल प्रोटीन बनाता है ना की पूरा वायरस। इससे शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को वायरस पर हमला करना सिखाया जाता है। ये कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर को एंटीबॉडी और प्रतिरोधक प्रणाली के और तत्व टी-सेल का निर्माण करना सिखाएगी। एमआरएनए वैक्सीन का नया प्रकार है। इससे पहले एमआरएनए वैक्सीन कभी मानव पर प्रयोग की अनुमति नहीं दी गई थी। क्लिनिकल ट्रायल में पहले यह वैक्सीन जरूर दी जा चुकी है।

अगली चुनौती वैक्सीन को 2—8 डिग्री पर स्थिर करना

फाइजर और बायोएनटेक के सीईओ ने वैक्सीन की मंजूरी मिलने के बाद कहा कि हमारे लिए अगली चुनौती है कि हम इस वैक्सीन को दो से आठ डिग्री पर स्थिर करना है। जिससे इसका फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल सके। दूसरी ओर ब्रिटेन सरकार ने साफ किया कि वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है, कोई भी जल्दबाजी नहीं दिखाई है।

कोरोना : चीन ने छुपाए थे वास्तविक आंकड़े

चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को शुरुआती आंकड़ों को जानबूझकर छिपाया था। यह दावा सीएनएन ने वुहान से लीक हुए हुबेई के प्रांतीय सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के 117 पन्नों के दस्तावेजों के आधार पर किया है। हुबेई जहां वायरस के संक्रमण का सबसे पहले पता चला वहां पर 10 फरवरी को कुल 5,918 नए केस दर्शाए गए है जो वास्तविक संख्या का आधा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ा आंकड़ा दुनिया के सामने कभी नहीं आया।

...भारत में दो मुद्दों पर अटकी डील
भारत सरकार के सूत्रों का कहना है कि फाइजर-बॉयोएनटेक वैक्सीन की स्टोरेज व कीमत को लेकर विवाद है। ये दोनों मुद्दे सुलझने के बाद भारत में भी फाइजर-बॉयोएनटेक की कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण शुरू हो सकता है।