धार्मिक संगठनों को दी जाएगी सुरक्षा
‘ऑल इंडिया जैन मायनोरीटी फेडरेशन’ (AIJMF ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित गांधी ने सम्मेदशिखरजी तीर्थपर उत्पन्न आकस्मिक समस्याओं के बारें में जानकारी देकर, तीर्थक्षेत्र की पवित्रता को संरक्षित और सुरक्षित किये जाने की आशा व्यक्त की। मुख्यमंत्री रघुवरजी दास ने कहा की, सम्मेदशिखरजी यह विश्व तीर्थक्षेत्र झारखंड में होने पर हमें गर्व है। सरकार इस तीर्थ क्षेत्र की पवित्रता को बनाये रखने के लिए कोई भी समझौता स्वीकार नहीं करेगी और इस जगह की सभी धार्मिक संगठनों को आवश्यक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। माओवादी संगठनों ने स्थानीय लोगों के प्रयासों से शुरू किए अशांति के प्रयत्नों को सख्ती से निपटने के लिए उन्होंने विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस प्रमुख को स्पष्ट निर्देश दिए। इस पर अवसर सभी पंथों के संयुक्त ‘तीर्थक्षेत्र श्री शिखरजी जैन समन्वय समिती’ की ओर से एम.पी.अजमेरा, ताराबेन जैन, प्रदीप कोचर, अजय बोथरा, प्रभात सेठी, ताराचंद जैन, हितेशभाई मोता, कायवनभाई शहा, हिमांशु राजा, परेश सेठ, फेडरेशनचे राष्ट्रीय महामंत्री संदिप भंडारी ने चर्चा में भाग लिया।
इसलिए है श्री शिखरजी का महत्व
शिखरजी या श्री शिखरजी भारत के झारखंड राज्य के गिरीडीह जनपद में छोटा नागपुर पठार पर स्थित एक पहाड़ी है। यह विश्व का सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ स्थल भी है। इसका बड़ा महत्व इस कारण भी है क्योंकि ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ के रूप में चर्चित इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष की प्राप्ति की। यही नहीं 23वें तीर्थकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी यहीं पर निर्वाण को प्राप्त किया था।