इसके बाद मोदी ने मिल्खा सिंह की मृत्यु पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ बिताए गए लम्हों को याद किया। उन्होंने कहा कि मैंने मिल्खा सिंह जी से बात करते हुए उनसे आग्रह किया था कि आपने टोक्यो में 1964 में आयोजित गेम्स के लिए भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इसलिए इस बार जब हमारे खिलाड़ी जा रहे हैं तो आप उन्हें भी अपने संदेश से मोटिवेट करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि मिल्खा सिंह का पूरा परिवार ही स्पोर्ट्स को समर्पित रहा है।
प्रधानमंत्री ने कोरोना पर बोलते हुए कहा कि हम लगातार प्रयास करना है कि देश के हर नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे। कई जगहों पर कुछ संगठन भी वैक्सीन के प्रति लोगों की झिझक दूर करने के लिए आगे आए हैं। सभी मिलकर अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मेरी मां सौ वर्ष की है परन्तु उन्होंने भी दोनों डोज लगवा ली हैं। कभी-कभी किसी को कुछ देर घंटों के लिए बुखार वगैरह आता है परन्तु वो बहुत मामूली होता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वैक्सीन नहीं लेना बहुत खतरनाक हो सकता है।
नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण की बात उठाते हुए कहा कि बादल केवल हमारे लिए ही नहीं, हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बरसते हैं। वर्षा का पानी जमीन में जाकर इकट्ठा होता है, जमीन में पानी के लेवल को बढ़ाता है। इसलिए हमें जल संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए।