
पीएम नरेंद्र मोदी ने किया अटल टनल का उद्घाटन किया।
नई दिल्ली। रोहतांग में अटल टनल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाहौल घाटी के सिस्सू पहुंचे। वहां पर पीएम मोदी ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि सुरंग के जरिए आवागमन आज से शुरू होने से युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही लाहौल-स्पीति और पांगी क्षेत्र में बागवानी, पशुपालन और कृषि से जुड़े छात्र, किसानों और कारोबारी को इस सुरंग के चालू होने का सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में अटल टनल का उद्घाटन करने के बाद एक कार्यक्रम में कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है। आज सिर्फ अटल जी का ही सपना पूरा नहीं हुआ। बल्कि हिमाचल प्रदेश के करोड़ों लोगों का दशकों पुराना इंतजार भी समाप्त हुआ है। मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज अटल टनल के लोकार्पण का अवसर मिला है।
पीएम ने राजनाथ सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि ये बात सही है कि हमने हिमचाल में संगठन का कामकाज देखा था। अटल जी मनाली में आते थे और चाय पीते थे। उसी समय अटल जी ने मनाली से लेह तक एक सुरंग बनाने की कल्पना की थी। वो सुझाव आज एक हकीकत बन गया।
पहाड़ को भेदकर अटल जी का सपना हुआ पूरा
उन्होंने एक फिल्म द मेकिंग आफ अटल टनल की बात करते हुए कहा कि अभेद्य पहाड़ को भेदकर एक बहुत बड़ा संकल्प पूरा हुआ है। इस काम में जान जोखिम में डालने वाले बीआरओ के इंजीनियर व सभी सहयोगियों का मैं नमन करता हूं। अटल टनल अब लेह-लद्दाख का लाइफ लाइन बनेगा। इस टनल के जरिए हिमाचल और लद्दाख के लोग हमेशा जुड़े रहेंगे।
बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को देगी नई ताकत
उन्होंने कहा कि मनाली से लेह तक की दूरी तय करने में लगने वाला समय चार घंटे कम हो जाएगा। अब लेह-लद्दाख के लोगों की देश के हर कोने में पहुंच आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि अटल टनल भारत के बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को भी नई ताकत देने वाली है। इस मौके पर पीएम ने हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सेना और बीआरओ के अधिकारियों के साथ हिमाचल की जनता का इस काम में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
इससे पहले शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश मनाली-लेह मार्ग पर सामरिक महत्व की अटल टनल उद्घाटन किया। टनल का लोकार्पण करने के बाद पीएम ने एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। साथ ही बीआरओ के महानिदेशक ने उन्हें टनल के बारे में जानकारी दी। इस टनल को पीरपंजाल की पहाड़ी को भेद कर 3200 करोड़ की लागत से बनाया गया है। यह टनल दुनिया की सबसे ऊंचाई 10,040 फीट पर बनी है।
अटल टनल की शुरुआत से सेना चीन से सटी सीमा लद्दाख और पाकिस्तान से सटे कारगिल तक भारतीय सेना आसानी से पहुंच पाएगी।
अटल यह दुनिया की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। इसकी खासियत यह है कि हर मौसम में खुली रहेगी। अब पीएम मोदी लाहौल स्पीति के सीसू में उद्घाटन समारोह के बाद मोदी सोलांग घाटी में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा में हैं। प्रधानमंत्री के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद कार्यक्रम में मौजूद हैं।
लेह से मनाली पहुंचने में लगेगा कम समय
अटल सुरंग के उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि अटल टनल चालू होने से इस इलाके में कनेक्टिविटी की सबसे बड़ी समस्या का हमेशा के लिए हल हो जाएगा। इस सुरंग के कारण मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो जाएगी। दूरी में कमी आने का क्षेत्र के लोगों को सबसे बड़ा लाभ यह मिलेगाकि अब उन्हें मनाली और लेह के बीच दूरी तय करने में चार से पांच घंटे कम समय लगेगा।
9 किलोमीटर लंबी है सुरंग
अटल सुरंग दुनिया में सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग है। यह 9.02 किलोमीटर लंबी सुरंग मनाली को वर्ष भर लाहौल स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी। यह घाटी करीब छह महीने तक भारी बर्फबारी के कारण देश के शेष हिस्से से कटी रहती थी। लेकिन यह घाटी हर मौसम में खुली रहेगी।
सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों से करेंगे बात
जानकारी के मुताबिक अटल सुरंग हिमालय के पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के बीच अति आधुनिक तकनीकी के आधार पर समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी 3 अक्टूबर को कुल्लू जिले में हिम एवं हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान पहुंचेंगे। वहां पर सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के गेस्ट हाउस में ठहरेंगे और अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे।
अटल टनल के बारे में विभागीय अधिकारियों ने बताया है कि 3,300 करोड़ रुपए की कीमत से बनी सुरंग देश की रक्षा के नजरिए से बहुत महत्वपूर्ण है। अटल सुरंग का डिजाइन प्रतिदिन 3,000 कारों और 1500 ट्रकों के लिए तैयार किया गया है। टनल के अंदर वाहनों की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी।
गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने रोहतांग दर्रे के नीचे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस सुरंग का निर्माण कराने का निर्णय किया था। सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर संपर्क मार्ग की आधारशिला 26 मई, 2002 को रखी गई थी। मोदी सरकार ने दिसंबर, 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री के सम्मान में सुरंग का नाम अटल सुरंग रखने का निर्णय लिया था।
Updated on:
03 Oct 2020 02:36 pm
Published on:
03 Oct 2020 09:39 am
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