
यह दशक युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने में मददगार साबित होगा।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छठे भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत-जापान संवाद को नियमित रूप से सहयोग देने के लिए जापान सरकार का धन्यवाद करना चाहूंगा। उन्होंने एक पारंपरिक बौद्ध साहित्य के पुस्तकालय और शास्त्रों के निर्माण का प्रस्ताव भी दिया। पीएम ने कहा कि अगर यह पुस्तकालय भारत में बनता है तो यह हमारे लिए खुशी की बात होगी। यह पुस्तकालय अनुसंधान और संवाद के लिए एक मंच भी होगा
बौद्ध पुस्तकालय की सबसे ज्यादा जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपनी नीतियों के केंद्र मानवतावाद को रखना चाहिए। बौद्ध संदेश समकालीन चुनौतियों से पार पाने में हमें मार्ग निर्देशित भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि आपसी संवाद ऐसा होना चाहिए जो हमारे दुनिया भर में सकारात्मकता, एकता और करुणा की भावना फैलाए। वह भी ऐसे समय में जब हमें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान दशक युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने में मददगार साबित होगा। मानव सशक्तिकरण की दिशा में नवाचार कारगर साबित होगा।
Updated on:
21 Dec 2020 10:38 am
Published on:
21 Dec 2020 10:34 am
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