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West Bengal: पीएम मोदी बोले, ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाने पर दीदी नाराज हो जाती हैं

locationनई दिल्लीPublished: Feb 07, 2021 05:51:17 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

पीएम मोदी ने कहा, देश के खिलाफ बोलने वाले कितना भी जहर उगलें, तब दीदी को गुस्सा नहीं आता।
5 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण करने बंगाल पहुंचे पीएम।

PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 5 हजार करोड़ की परियोजनाओं का शुभारंभ करने के लिए पश्चिम बंगाल के हल्दिया पहुंच चुके हैं। इस मौके पर आयोजित सभा में उन्‍होंने सीएम ममता बनर्जी पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि बंगाल में आप दीदी से अपने अधिकार की बात करते हैं तो वे नाराजगी जाहिर करती हैं। यहां तक कि भारत माता की जय के नारे लगाने पर भी वो नाराज हो जाती हैं। वहीं देश के खिलाफ बोलने वाले कितना भी जहर उगलें, मगर दीदी को गुस्सा नहीं आता।
टूलकिट पर पीएम बोले, कहा- कुछ लोग इतना नीचे गिर चुके हैं कि भारतीय चाय की छवि को खराब कर रहे

पीएम मोदी ने कहा कि पिछली बार वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की जन्म जयंती पर बंगाल आए थे। आज हल्दिया सहित पश्चिम बंगाल के विकास से जुड़ी करीब 5 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण करने को लेकर आपके बीच उपस्थित हुआ हूं। पश्चिम बंगाल का विकास और यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का कार्य केंद्र सरकार की निरंतर प्राथमिकता रही है। कोलकाता में साढ़े 8 हजार करोड़ रुपए की लागत से मेट्रो प्रोजेक्ट पर बहुत तेजी से काम जारी है। इस बार के बजट को लेकर केंद्र सरकार ने इस अभियान को आगे विस्तार दिया है।
‘चाय बगानों से जुड़े लाखों लोगों को होगा फायदा’

पीएम ने कहा कि इस वर्ष के बजट में चाय बगानों से जड़े साथियों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इनके लिए एक हजार करोड़ रु के पैकेज की व्यवस्था भी की गई है। इस पैकेज का बड़ा लाभ पश्चिम बंगाल के चाय बगान से जुड़े साथियों और बहनों को मिल सकेगा।
‘राजनीति के कारण पिछड़ा बंगाल’

मोदी के अनुसार बंगाल पहले से जितना आगे था,अगर बीते दशकों में उसकी वो गति और बढ़ी होती, तो आज बंगाल कहां से कहां पहुंच जाता। यहां पर जितने भी उद्योग हैं, जितना भी कारोबार है, जितना भी इंफ्रास्ट्रक्चर है, वो बदलाव चाहते हैं। यहां पर दस सालों में कितनी कितनी फैक्ट्रियों का शिलान्यास या उद्घाटन किया? पश्चिम बंगाल की इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण यहां की राजनीति है। आजादी के बाद जब पश्चिम बंगाल के विकास को नई दिशा देने चाहिए था, तब यहां विकास वाली राजनीति नहीं हो पाई।
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