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मन की बात 2.0 में मोदी ने कहा- ‘खत के जरिए आज तक किसी ने अपने पीएम से कुछ नहीं मांगा’

चुनाव के बाद पहली बार पीएम मोदी ने की Mann ki Baat चार महीने पहले Pm Modi ने दी थी स्‍वस्‍थ लोकतंत्र की दुहाई पहले कार्यकाल में मोदी ने की थी 53 बार Mann ki Baat

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pm modi

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime minister Narendra Modi ) ने लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार 'मन की बात' ( Mann Ki Baat) देश की जनता से करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव की आपाधापी में 'मन की बात' ( Mann Ki Baat) नहीं कर सका। ऐसा न कर एक कमी महसूस कर रहा था। ऐसा इसलिए कि हम 'मन की बात' में 130 करोड़ देशवासियों से स्वजन के रूप में बातें करते थे।

उन्‍होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन ( NDA ) पूरी ताकत के साथ सत्ता में वापस आया है। उन्‍होंने कहा कि 'मन की बात' ( Mann Ki Baat) में जो कुछ भी कहता हूं उसमें शब्‍‍‍द मेरे और आवाज आपकी होती हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को मन की बात ( Mann Ki Baat) में मार्च और अप्रैल के लिए कार्यक्रम रोकने की घोषणा की थी। अपनी सत्ता वापसी के भरोसे के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वह मई के आखिरी रविवार को दोबारा मन की बात करेंगे।

अहम से वयम की यात्रा
पीएम मोदी ( pm modi ) ने कहा कि मैं जब भी 'मन की बात' ( Mann Ki Baat) करता हूं तो कथा, पुरुषार्थ और पराक्रम आपका होता है। इसलिए चार महीने से आपको मिस कर रहा था। उन्होंने कहा कि कई सारे संदेश पिछले कुछ महीनों में आए। लोगों ने कहा कि वे 'मन की बात' ( Mann Ki Baat) को मिस कर रहे हैं।

इस बात को जब मैं पढ़ता हूं, सुनता हूं तो मुझे अच्छा लगता है। मुझे लगता है कि ये मेरी स्व में समष्टि की यात्रा है। ये मेरी अहम से वयम की यात्रा है।

ढेरों खत और टेलीफोन आते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( Prime minister Narendra Modi ) ने कहा कि मन की बात 2.0 ( Mann Ki Baat 2.0 ) को लेकर ढेरों खत और टेलीफोन कॉल आते हैं। लेकिन शिकायत बहुत कम होता है। क्‍या आप कल्पना कर सकते हैं कि देश के प्रधानमंत्री को कोई चिट्ठी लिखे, लेकिन खुद के लिए कुछ मांगे नहीं। इसी से समझा जा सकता है कि देश के करोड़ों लोगं की भावना कितनी ऊंची होगी। मेरे लिए यह सुखद अहसास जैसा है।

आपातकाल का विरोध राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं
आपातकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब देश में आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं था।

आपातकाल की कीमत का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि दिन-रात जब समय पर खाना खाते हैं तब भूख क्या होती है, इसका पता नहीं होता है, वैसे ही सामान्य जीवन में लोकतंत्र के अधिकार का मजा क्या है वो तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन ले।

जन भागीदारी से निकालेंगे पेयजल संकट का समाधान
पेयजल समस्या ( Water Crisis ) पर पीएम मोदी ने कहा कि वर्षा से जो पानी मिलता है, उसका सिर्फ 8 फीसदी बचाया जाता है। समय आ गया है कि इस समस्या का हल निकाला जाए।

मुझे उम्‍मीद है कि जन भागीदारी के बल पर हम जल संकट का समाधान निकाल लेंगे। मैंने ग्राम प्रधानों को पत्र लिखा है कि वो पानी बचाने के लिए ग्राम सभा की बैठक करें। पानी पर विचार विमर्श करें। 22 जून को करोड़ों लोगों ने इस पहल का समर्थन किया।

स्‍वस्‍थ लोकतांत्रिक परंपरा की दी थी दुहाई

अपने पहले कार्यकाल के अंतिम मन की बात ( Mann ki Baat ) में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि स्वस्थ लोकतांत्रिक परंपराओं को ध्यान में रखते हुए इस प्रोग्राम को कुछ समय के लिए रोक रहे हैं। दोबारा पीएम बनने के बाद मोदी ने ट्वीट कर मन की बात कार्यक्रम के दोबारा शुरू होने की घोषणा की थी।

अपने ट्वीट में पीएम मोदी ( Modi government 2.0 ) ने लिखा कि सकारात्मकता की शक्ति और 130 करोड़ भारतीयों की ताकत का जश्‍न मनाने के चार महीने बाद मन की बात एक बार फिर वापस आ रहा है। एक बार फिर रविवार सुबह 11 बजे सुनें मन की बात।

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पहले कार्यकाल में की थी 53 बार मन की बात

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन पूरी ताकत के साथ सत्ता में वापस आई है। 30 मई को नरेंद्र मोदी ने दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। अपने पहले शासनकाल में पीएम मोदी ने 53 बार मासिक कार्यक्रम Mann ki Baat के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया था।

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