उपचार और अनुसंधान पर जोर राजस्थान के जयपुर स्थित इंस्टीट्यूट के प्रबंधनकों का कहना है कि 21वीं शताब्दी में आयुर्वेद के विकास में यह संस्थान वैश्विक भूमिका निभाएगा। पिछले कुछ समय के दौरान संस्थान ने आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज और अनुसंधान पर काफी जोर दिया है। अब यहां आयुर्वेद के साथ ही पारंपरिक दवाओं का भी अध्ययन होगा। आगामी वर्षों में आयुर्वेद शिक्षा पद्धति को अपग्रेड करने में यह संस्थान सहायक साबित होगा। संस्थान के निदेशक डॉ.संजीव शर्मा ने जानकारी दी है कि जयपुर आयुर्वेद संस्थान को देश के बड़े संस्थानों में से एक बनाया जाएगा।