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एससीओ शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी चीन रवाना

शनिवार को पीएम मोदी चीन के किंगडाओ शहर में होने वाले दो दिन के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे

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एससीओ शिखर सम्मलेन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी चीन रवाना

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार की सुबह दो दिवसीय 18 वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भाग लेने के लिए चीन के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। शनिवार को पीएम मोदी चीन के किंगडाओ शहर में होने वाले दो दिन के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इससे पहले शुक्रवार को प्रधान मंत्री ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर शिखर सम्मेलन के बारे में एक संदेश पोस्ट किया था । पीएम ने अपने सन्देश में लिखा कि "एससीओ के पास कनेक्टिविटी, वाणिज्य, सीमा शुल्क, कानून, स्वास्थ्य और कृषि में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद से लड़ने के लिए सहयोग के लिए एक समृद्ध एजेंडा है। प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि इस समेल्लन का मुख्य उद्देशय पर्यावरण की रक्षा करना, आपदा जोखिम को कम करना और आपसी लोगों के संबंधों को बढ़ावा देना होगा।

शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा है कि वह देश के शंघाई सहयोग संगठन के पूर्ण सदस्य के तौर पर बैठक में शामिल होने को लेकर रोमांचित हैं।

क्या कहा पीएम मोदी ने

फेसबुक के जरिये अपनी बात रखते हुए पीएम ने कहा कि मैं मानता हूँ कि चिंगदाओ शिखर सम्मेलन से एससीओ सदस्य देशों का एजेंडा और समृद्ध होगा और एससीओ के साथ भारत के सम्पर्क की एक नई शुरुआत होगी। पीएम ने कहा कि भारत की एससीओ के सदस्य देशों के साथ गहरी मित्रता और बहुआयामी संबंध हैं। एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर मुझे अन्य कई नेताओं के साथ मुलाकात करने और विचार साझा करने का मौका मिलेगा जिनमें एससीओ के सदस्य देशों के कई राष्ट्र प्रमुख हैं।

महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है एससीओ

एससीओ एक स्थायी अंतर सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो सदस्य देशों के बीच पारस्परिक विश्वास और पड़ोसीकरण को मजबूत करने और राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और संस्कृति में उनके प्रभावी सहयोग को बढ़ावा देने और शांति, सुरक्षा को बनाए रखने और सुनिश्चित करने के संयुक्त प्रयास करने पर केंद्रित है। बता दें कि भारत शंघाई सहयोग संगठन का हाल ही में पूर्णकालिक सदस्य बना है। 2001 में स्थापित इस संगठन में वर्तमान में आठ सदस्य हैं जिनमें भारत, कजाखिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सम्मलित हैं। भारत और पाकिस्तान को पिछले वर्ष ही एससीओ में शामिल किया गया था।पूर्ण सदस्य के तौर पर भारत के लिए यह पहला एससीओ शिखर सम्मेलन होगा।

कई देशों के प्रमुखों से मिलेंगे पीएम

किंगडाओ में पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी समेत एससीओ सदस्य देशों के अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे। इस बैठक में एससीओ सदस्यों का जोर सुरक्षा, सहयोग, आतंकवाद विरोध, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक विनिमय के क्षेत्रों पर रहेगा। बता दें कि साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह पांचवीं चीन यात्रा होगी। इससे पहले पीएम मोदी ने चीन के वुहान में 27 और 28 अप्रैल को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लिया था। शनिवार को शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद वह फिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे।


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