11 धार्मिक स्थानों से पहुंची मिट्टी बताया जा रहा है कि पांच अगस्त के इस कार्यक्रम में तकरीबन 200 लोग हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) खुद अयोध्या पहुंचेंगे। इस कार्यक्रम में बीजेपी ( BJP ) के शीर्ष नेता भी उपस्थित होंगे। इधर, विश्व हिन्दू परिषद ( Vishwa Hindu Parishad ) ने शुक्रवार को देश के अलल-अलग 11 धार्मिक स्थानों से मिट्टी एकत्र कर समारोह में इस्तेमाल करने के लिए अयोध्या ( Ayodhya ) भेज दिया है। इधर, ज्योतिषपीठ ( Jyotishpeeth ) के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ( Swami Swaroopanand ) ने समारोह के समय पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह हिंदू ‘पंचांग’ के अनुसार उचित नहीं था। वहीं, विहिप ( VHP ) के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ( Alok Kumar ) का कहना है कि वाराणसी ( Varanasi ) और अयोध्या ( Ayodhya ) के प्रतिष्ठित पुजारियों ( Priests ) और ज्योतिषियों ( Astrologers ) से परामर्श के बाद तिथि और समय को निर्धारित किया गया था। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य पुणे ( Pune ) के स्वामी गोविंददेव गिरिजी महाराज ( Swami Govinddev Giriji Maharaj ) ने इस प्रक्रिया का नेतृत्व किया और पुजारियों से विचार-विमर्श करने के बाद इस कार्यक्रम को तय किया। आलोक कुमार ने कहा कि गोविंददेव जी ने वाराणसी और अयोध्या के कई पुजारियों के साथ इस मसले पर परामर्श किया, जिन्होंने सुझाव दिया कि 5 अगस्त का समय भूमि भूजन के लिए सबसे आदर्श था।
कई गणमान्य व्यक्तियों को गया न्यौता आलोक कुमार ( Alok Kumar ) ने कहा कि स्वामी स्वरूपानंद ( Swami Swaroopanand ) जी 1984 से हमारे साथ हैं और हमारी किसी भी पहल का समर्थन नहीं करते हैं। वहीं, ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास के सहायक महंत कमल नयन ने कहा कि गोविंददेव जी ने पहले पुजारियों से सलाह ली, इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Modi ) कार्यक्रम के बारे में सूचित किया। वहीं, ट्रस्ट ने मंदिर आंदोलन से जुड़े सभी प्रमुख नेताओं एल के आडवाणी ( L K Advani ), एम एम जोशी ( M M Joshi ) और कल्याण सिंह ( Kalyan Singh ) के अलावा गृह मंत्री अमित शाह ( Amit Shah ), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh ), आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat ) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath ) को कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। गौरतलब है कि कोविड- 19 ( COVID-19 ) महामारी को लेकर कार्यक्रम स्थल पर ज्यादा भीड़ जमा नहीं होगी। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होगा और अयोध्या में भक्तों के दर्शन के लिए स्क्रीन लगाए जाएंगे। यहां आपको बता दें कि भूमि पूजन से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हनुमान गढ़ी में पूजा करेंगे।