नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर देशभर में राजनीतिक दलों और कई संगठनों का विरोध-प्रदर्शन जारी है। यूनिवर्सिटी और कॉलेज के छात्र भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया विवि हो या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, या फिर बेंगलुरु विश्वविद्लाय का कैंपस हो, छात्रों ने इस कानून के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस के रोकने के बाद भी छात्रों ने कई बार कानून को हाथ में लेने की कोशिश की।
मुंबई, दिल्ली, लखनऊ, पटना और कोलकाता समेत पूर्वोत्तर भारत की अनेक यूनिवर्सिटियों में छात्रों ने जमकर बवाल काटा है। जिसपर आंदोलनकारी छात्रों के प्रदर्शनों पर पुलिस ने शिकंजा भी कसा है। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी छात्र जख्मी भी हुए। लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या हिंसक प्रदर्शन करने वाले आंदोलनकारी छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई होनी चाहिए?
सबसे ज्यादा फेसबुक यूजर्स ने कार्रवाई को सही बताया
पत्रिका डॉट काम ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाकर जानने की कोशिश कि क्या हिंसक प्रदर्शन करने वाले आंदोलनकारी छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई होनी चाहिए । ज्यादातर यूजर्स ने कहा कि हिंसा फैलाने वाले छात्रों पर पुलिस का कार्रवाई करना सही था। फेसबुक पर पोल में हिस्सा लेने वाले 85 फीसदी यूजर्स ने पुलिस की कार्रवाई को सही बताया।
वहीं ट्विटर पर 73 प्रतिशत लोगों ने भी पुलिस कार्रवाई को जायज ठहराया है।
65 फीसदी इंस्टाग्राम यूजर्स ने पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को सही बताया।
Updated on:
28 Dec 2019 04:46 pm
Published on:
28 Dec 2019 04:39 pm