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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सियासी बयानबाजियां शुरू, ओवैसी बोले- मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि अब राम मंदिर मामले पर सुनवाई की राह में कोई रोड़ा नहीं है।

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 Asaduddin Owaisi

Asaduddin Owaisi

नई दिल्ली। अयोध्या विवाद से जुड़े 1994 के इस्माइल फारूकी मामले को लेकर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक तरह से मुस्लिम पक्ष को झटका देते हुए अपने पुराने फैसले को बरकरार रखा है और कहा है कि इसे बड़ी (संविधान पीठ) बेंच के पास नहीं भेजा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सियासी बयानबाजियां भी शुरू हो गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के कई दूरगामी महत्व माने जा रहे हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद अयोध्या विवाद की सुनवाई से रोड़ा हट गया है। वहीं इस फैसले के बाद सियासी बयानबाजियां भी शुरू हो गई हैं।

कोर्ट के इस फैसले के बाद हिंदू-मुस्लिम पक्षकारों के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों के बड़े नेताओं के भी बयान सामने आ रहे हैं। कोर्ट के फैसले पर किसने क्या कहा?

- विश्व हिंदू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष आलोक कुमार ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा है कि इस फैसले ने अयोध्या विवाद पर सुनवाई की बाधा को हटा दिया है। अब रामजन्मभूमि मामले पर सुनवाई होने का रास्ता एकदम साफ है।

- बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की भी कोर्ट के इस फैसले पर प्रतिक्रिया आई है। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि इस फैसले से मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया है। मेरे मूलभूत अधिकारों की जीत हुई है। मस्जिद को शिफ्ट किया जा सकता है मंदिर को नहीं। अंड़गा हट गया है, अब जल्द ही राम मंदिर का निर्माण होगा।

- सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आरएसएस ने भी प्रतिक्रिया दी है। आरएसएस ने कहा है कि हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और आश्वस्त हैं कि कोर्ट अब जल्द ही मुख्य मामले पर भी फैसला सुनाएगा।

- AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले पर कहा है अगर इस मामले को संवैधानिक बेंच के पास भेजा जाता तो बेहतर होता। साथ ही मुझे आश्चर्य है कि सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं माना है, जबकि कुरान में और हदीस में मस्जिद को इस्लाम अभिन्न अंग बताया गया है। जब तीन तलाक और हलाला की बात आई तो हदीस और कुरान का हवाला दिया गया।

- वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि यह फैसला मंदिर-मस्जिद पर नहीं था। इस फैसले का मुस्लिमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। अयोध्या मामले में अब सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, हम उसे मानेंगे।

- -राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉक्टर रामविलास वेदांती ने कहा कि जहां रामलला विराजमान हैं, वहां कोई भी मस्जिद नहीं थी। अयोध्या में बहुत सी मस्जिदें हैं, वहां पर जाकर मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ें।

- बीजेपी सांसद विनय कटियार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने ये संभावना जताई है कि सुप्रीम कोर्ट अब बहुत जल्द मुख्य मामले में भी बड़ा फैसला सुनाएगा।


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