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पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बन रहे जीवनरक्षक

- कोरोना काल में बढ़ी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मांग ।- ऑक्सीजन सिलेंडर का विकल्प है ऑक्सीजन कंसंट्रेटर। - ऑक्सीजन सिलेंडर के खाली हो जाने पर उसे रिफिल करने की जरूरत होती है, पर कंसंट्रेटर कांकि इन्हें 24 घंटे से ज्यादा लगातार इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

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पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बन रहे जीवनरक्षक

पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बन रहे जीवनरक्षक

नई दिल्ली । देश में कोरोना के कहर के कारण मेडिकल ऑक्सीजन को लेकर संकट गहराता जा रहा है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की मांग बढ़ी है। विदेशों से भी आ रही मदद में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी शामिल हैं। दरअसल, यह एक पोर्टेबल मशीन है, जिसकी मदद से मरीजों के लिए घर पर ही हवा से ऑक्सीजन जनरेट की जा सकती है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हवा से नाइट्रोजन को अलग करता है और ऑक्सीजन की अधिकता वाली गैस को बाहर निकालता है। मरीज घर पर डॉक्टर या हेल्थकेयर वर्कर्स की निगरानी में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। ऑक्सीजन सिलेंडर के खाली हो जाने पर उसे रिफिल करने की जरूरत होती है, पर कंसंट्रेटर कांकि इन्हें 24 घंटे से ज्यादा लगातार इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। कूलिंग के लिए इसको 30 मिनट के लिए बंद करना जरूरी है।

मेंटेनेंस लागत कम -
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को खरीदने के बाद जो मेंटेनेंस कॉस्ट आती है, वह केवल बिजली की खपत और डिस्पोजेबल फिल्टर्स को लेकर है। फिल्टर्स और छलनी को कुछ सालों बाद बदलना पड़ता है। कंसंट्रेटर में इन बिल्ट ऑक्सीजन सेंसर्स होते हैं, जो ऑक्सीजन की शुद्धता का स्तर कम हो जाने पर संकेत देते हैं।

इस टेक्नोलॉजी पर करता है काम -
क्लिनिकल स्टडीज से साबित हुआ है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन थैरेपी के मामले में बिल्कुल वैसे ही हैं जैसे कि दूसरी तरह के ऑक्सीजन डिलीवरी सिस्टम्स। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रेशर स्विंग एडसॉप्र्शन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं।