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प्राणायाम करें मैनेजर तो न हो कंपनी में फ्रॉड – रिसर्च

प्राणायाम से मैनेजरों में मॉरल रिजनिंग बढ़ेगा, कंपनी का बड़ा नुकसान करने से बचेंगे उच्चाधिकारी

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मुंबई। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अगर बड़ी कंपनियों के मैनेजर प्राणायाम करें तो उनके अंदर मॉरल रिजनिंग में वृद्धि होगी। इससे न सिर्फ कंपनियों के कामकाज में सुधार आएगा, बल्कि कंपनियों के फ्रॉड को रोकने में भी मदद मिलेगी। यह रिसर्च आईआईटी मुंबई ने की है।
दरअसल, जब देश में सत्यम, वल्र्ड कॉम और एनरॉन जैसी बड़ी कंपनियों में जब बड़े मैनेजरों के द्वारा फ्रॉड किया जाने का मामला सामने आया तो इससे लोगों को भारी निराशा हुई। लोगों ने यह सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया कि अगर कंपनी के शीर्ष अधिकारी ही उनके साथ फ्रॉड करने लगेंगे तो वे किसके ऊपर विश्वास कर कंपनियों में निवेश कर पाएंगे। इन्हीं खबरों के बीच आईआईटी मुंबई के प्रोफेसरों - छात्रों ने एक रिसर्च करने की सोची कि क्या शीर्ष कंपनियों के मैनेजरों में मॉरल रिजनिंग को बढ़ावा देने से सत्यम घोटाले जैसे भ्रष्टाचार को रोका जा सकेगा। जानकारी के मुताबिक़ रिसर्च में परिणाम बहुत ही सकारात्मक निकला है और इससे मैनेजरों को बहुत लाभ मिलने की उम्मीद है।

आईआईटी मुंबई के तीन शोध छात्रों आशीष पांडे, असिस्टेंट प्रोफेसर अजिंक्या नवारे, पीएचडी स्कॉलर राजेश चांदवानी ने इस मसले पर संयुक्त रिसर्च की। इस रिसर्च के लिए उन्होंने कम से कम तीन साल का अनुभव रखने वाले 400 मैनेजरों का चयन किया और उन्हें प्रतिदिन प्राणायाम करने की सलाह दी। इसके बाद जो परिणाम आए, वो रिसर्च करने वाली टीम के लिए बहुत उत्साहजनक थे।

एक शोधकर्ता आशीष पांडे ने बताया कि इस रिसर्च से यह बात सामने आइ्र्र कि प्राणायाम से अपने अहम को संतुष्ट करने को ही अपना सबसे पहला लक्ष्य मानने की बजाय सबके हित को प्राथमिकता देने का भाव पैदा हुआ। मैनजरों ने इस बात को स्वीकार किया कि प्राणायाम से उनके अंदर सकारात्मक विचार पैदा हुआ और वे अपने व्यक्तिगत हित की बजाय कंपनी और ग्राहकों के हितों को प्राथमिकता देने के भाव से ज्यादा प्रेरित हुए।

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