शादी से पूर्व दोनों पक्षों में लिखित करार होगा। अलग होने के तरीके, संपत्ति, देनदारी, जिम्मेदारी व कर्तव्यों का ब्योरा रहेगा। संंबंधित अफसर के पास पंजीकृत कराना कानूनी बाध्यता होगी। तलाक पर संपत्ति के मालिकाना हक का ब्योरा होगा। लिखित करार को कानूनी मान्यता मिली तो स्त्री-पुरुष के लिए लाभप्रद होगा। अभी संबंध बिगडऩे पर स्त्री तलाक का सोचती है तो आगे जीवन को लेकर अनिश्चित रहती है। पुरुष तलाक चाहता है तो अव्यावहारिक मांगें पूरी करनी पड़ती है।