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संसद भवन पर हमले में बरी प्रोफेसर एसएआर गिलानी का हार्ट अटैक से निधन, होगा पोस्टमार्टम

2001 में संसद भवन पर हमले में आया था गिलानी का नाम दिल्‍ली पुलिस स्‍पेशल टीम ने किया था गिरफ्तार जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया था सभी आरोपों से मुक्‍त

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नई दिल्ली। संसद भवन पर हमले के मामले में बरी दिल्ली विश्वविद्यालय ( DU ) के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। गिलानी का निधन गुरुवार को हुआ। वह सांस में तकलीफ और अन्य समस्याओं की वजह से फोर्टिस अस्पताल उपचार के लिए भर्ती कराए गए थे। बड़ी बात यह है कि दिल्ली पुलिस ने किसी विवाद से बचने के लिए उनका पोस्टमार्टम कराने का फैसला किया है।

हमले के बाद से सुरक्षा घेरे में थे गिलानी

एसएआर गिलानी खुद पर जानलेवा हमला होने के बाद से दिल्ली पुलिस के सुरक्षा घेरे में थे। उनकी मौत की वजह से किसी भी तरह की संभावित विवाद से बचने के लिए दिल्ली पुलिस ने गिलानी के शव का पोस्टमॉर्टम कराने का निर्णय लिया है। घटना के वक्त प्रोफेसर गिलानी एक जिम में योग कर रहे थे उसी वक्त उन्हें दर्द की शिकायत हुई।

मौत की वजह जानना जरूरी

दिल्‍ली पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक प्राथमिक जांच में पता चला है कि प्रोफेसर गिलानी की मौत हृदयाघात के कारण हुई है। इसलिए दिल्ली पुलिस भविष्य में गिलानी की मौत के मुद्दे पर कोई सिरदर्द मोल नहीं लेना चाहती है। इसी के चलते दिल्ली पुलिस ने गिलानी के शव का पोस्टमार्टम कराने की योजना बनाई है।

दिल्‍ली पुलिस ने यह निर्णय प्रोफेसर गिलानी की मौत की सही वजह और वक्त का पता लगाने के लिए पोस्‍टमार्टम का फैसला लिया है। लिहाजा शुक्रवार को दोपहर के वक्त प्रोफेसर गिलानी के शव का पोस्टमॉर्टम दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कराया जाएगा।

कब-कब चर्चा में रहे गिलानी?

बता दें कि दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर एसएआर गिलानी जाकिर हुसैन कॉलेज में अरबी भाषा पढ़ाते थे। 2001 में वे तब चर्चा में आये जब दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सहायक पुलिस आयुक्त राजवीर सिंह ने उन्हें गिरफ्तार किया था। प्रोफेसर गिलानी पर संसद हमले की साजिश रचने का आरोप लगा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोफेसर गिलानी को सभी आरोपों से बा-इज्जत बरी कर दिया था।

दूसरी बार प्रोफेसर गिलानी चर्चा में तब आए जब उनके ऊपर उनकी वकील नंदिता हक्सर के घर के बाहर अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली चलाई गई। उस हमले में प्रोफेसर गिलानी बाल-बाल बच गए थे। तभी से प्रोफेसर गिलानी पुलिस सुरक्षा में जीवन बिता रहे थे।

तीसरी बार गिलानी का नाम तब विवादों में आया जब दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा में उन पर देश विरोधी नारेबाजी करने का आरोप लगा। श्रद्धांजलि सभा का आयोजन संसद पर हमले के मुख्य आरोपी रहे अफजल गुरू की बरसी के मौके पर किया गया था।