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एनआईए की जुबानी, पुलवामा की कहानी

यह पूरी साजिश 13800 पन्नों में एनआईए ने लिखी है। इस हमले में इस्तेमाल किए गए 20 किलो आरडीएक्स को पाकिस्तान से ही लाया गया।

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यूं तो पुलवामा में हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद ही इसके गुनाहगारों की पूरी करगुजारी समाने आ गई थी। सामने आ गई थी पाकिस्तान की नापाक करतूत लेकिन इसे अंजाम कैसे दिया गया? कौन—कौन शामिल रहा? कहां से आया मौत का आरडीएक्स? इसका पूरा ब्यौरा अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के चार्जशीट में दर्ज है। दर्ज है कि किस तरह से भारत के वीर सपूतों के खिलाफ साजिश की गई। दर्ज है कि किस तरह से पाकिस्तान ने शह दी। दर्ज है कि किस तरह से इसे अंजाम दिया गया। यह पूरी साजिश 13800 पन्नों में एनआईए ने लिखी है।

एनआईए की दर्ज चार्जशीट में साफ बताया गया है कि एक तरफ जहां कुछ सामानों की खरीद आतंकियों के हैंडलरों ने आनलाइन की थी तो कुछ उनके हैंडलर सीमापार से लेकर आए। इसमें पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और रुउफ अजगर समेत 20 पाकिस्तानी आतंकियों का नाम शामिल रहे। इस हमले में इस्तेमाल किए गए 20 किलो आरडीएक्स को पाकिस्तान से ही लाया गया। इस साजिश में शामिल आतंकी इकबाल रादर ने इस हमले के पहले उमर फारूख नाम के एक आतंकी को रात के अंधेरे में सीमा पार करा कर घाटी में लाया था।

यह वही उमर फारूख है जिसने अफगानिस्तान में ट्रेनिंग लेने के बाद इस हमले लिए 29 किलो आरडीएक्स में नाइट्रोजन सहित अन्य कई सामग्री मिक्स करके एक बेहद बड़ा विस्फोटक तैयार किया गया। इसके लिए पैसों की व्यवस्था हवाला के जरिए ही फारूख ने खुद ही की थी। इसके लिए मसूद अजहर ने उसे दस लाख रुपए दो किश्तों में मिजान बैंक पाकिस्तान में दिए। पहली किस्त जनवरी में और दूसरी फरवरी में थी।

पाकिस्तान में बैठे आतंक के आका इस साजिश में कितना जुड़े हुए थे। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हमले के हिसाब से लेकर उसके लिए कि जाने वाले प्रोपोगंडा तक की तैयारी की गई थी। फारूख ने इस हमले के लिए खर्च हुए 5 लाख 70 हजार रुपए का हिसाब भी बाकायदा पाकिस्तान भेजा था। इतना ही नहीं इस हमले में शामिल रहे आतंकी आदिल अहमद डार का वीडियो 29 जनवरी 2019 को ही बनाकर भेज दिया गया था। जिसका एडिट किया हुआ वर्जन 4 फरवरी 2019 को फारूख के पास आ गया था।

साजिश कितनी गहरी थी इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बालाकोट पर हमले के बाद फारूख ने अपने पाकिस्तानी आका राउफ अजगर से कहा था कि भारत—पाकिस्तान के बीच युद्ध हो सकता है और ऐसे में जो सीमा पर घुसपैठ का इंतजार कर रहे आतंकी हैं उन्हें कश्मीर में भेजने के लिए तैयार रखें। हालांकि आतंकियों की यह साजिश सफल नहीं हो सकी। भारतीय सेना ने इस साजिश में शाामिल रहे आतंकियों को उनकी हूरों के पास भेज दिया।

फारूख को भारत सैन्यबलों ने 29 मार्च 2019 को मार गिराया। हमले के करीब 15 दिन पहले उमर ने आरडीएक्स के अलावा करीब 200 किलो की दो आईईडी (शक्तिशाली विस्फोटक) तैयार की थीं। आपको बता दें कि फारूख कोई और नहीं बल्कि मसूद अजहर का भतीजा और 1999 के कंधार विमान हाईजैक का अपहरण करने वाले इब्राहिम अतहर का बेटा था। इसके साथ ही आतंकियों के पनाहगार पाकिस्तान का आतंकी हमलों में शामिल होने की बात साफ हो गई है। फिलहाल इस मामले में कई आतंकी जेल में बंद हैं और कश्मीर में बैठे इनके सरगना को सेना ने साफ कर दिया है।


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