इस आतिशाबजी में पास की एक इमारत ढह गई थी, लेकिन मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। इस मंदिर को खोलने से पहले स्थानीय वरिष्ठों ने इस विषय पर कई बार चर्चा की थी। मंदिर प्रबंधन समिति के 15 सदस्यों में से सात फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं, जबकि एक महिला सहित अन्य सदस्य आग्निकांड के बाद से ही फरार हैं।