कहा, दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि कई सांसद निजीकरण का आरोप लगा रहे हैं।
रेल मंत्री ने कहा, 50 स्टेशनों के सौंदर्यीकरण का मॉडल डिजाइन तैयार कर लिया गया है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल
नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि रेलवे भारत की संपत्ति है उसका कभी निजीकरण नहीं किया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं दी जाए, रेलवे के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले, ऐसे कार्यों के लिए निजी क्षेत्र का निवेश देशहित में होगा।
लोकसभा में वर्ष 2021-22 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्र में आने वाले अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि, ‘दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि कई सांसद निजीकरण का आरोप लगा रहे हैं। भारतीय रेल कभी निजीकरण नहीं होगा।’
रेल मंत्री के अनुसार सड़कें भी सरकार ने बनाई है तो क्या कोई कहता है कि इस पर केवल सरकारी गाड़ियां चलेंगी। उन्होंने कहा कि सड़कों पर सभी तरह के वाहन चलते हैं तभी प्रगति होती है और तभी सभी को सुविधाएं मिलेंगी।
सुविधाओं पर कई बेहतरीन काम हुए गोयल के अनुसार तो क्या रेलवे में ऐसा नहीं हो सकता? क्या यात्रियों को अच्छी सुविधाएं नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मालवाहक ट्रेनें चलें और इसके लिए अगर निजी क्षेत्र निवेश करते हैं तो क्या इस पर विचार नहीं होना चाहिए। गोयल ने कहा कि बीते सात वर्षों में रेलवे में लिफ्ट, एस्केलेटर जैसी सुविधाओं के विस्तार को दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक विश्वस्तरीय रेलवे बनाना है तो बहुत अधिक धन की जरूरत होगी।’
पीयूष गोयल के अनुसार अमृतसर के लिए 230 करोड़ रुपये के निवेश के साथ योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे 50 स्टेशनों का मॉडल डिजाइन तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण और आधुनिकीकरण के लिए व्यापक निवेश किया जा रहा है। रेल मंत्री के अनुसार ‘अगर निजी निवेश भी आए तो देश हित में ही होगा। ये यात्रियों के हित में है। निजी क्षेत्र जो सेवाएं दी जाएंगी,वे भारतीय नागरिकों को मिलेंगी। रोजगार मिलेंगे। देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।’
सर्वाधिक माल ढुलाई की गोयल ने बताया कि बीते साल सितंबर से इस साल फरवरी तक छह माह में देश में रेलवे ने हर माह जितनी माल ढुलाई की है,वह भारतीय रेल के इतिहास में सबसे अधिक है।