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22 साल से इंतजार, फिर एक बार उठा सूखा बंदरगाह का मामला

राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने इसमें पहल करते हुए कहा कि सूखा बंदरगाह, रोड कोरीडोर और रेलवे लाइन तीनों ही बाड़मेर ही नहीं राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर है।

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Sunil Sharma

Jun 17, 2021

नई दिल्ली। रेगिस्तानी जिले के बाखासर इलाके में सूखा बंदरगाह से राज्य का सबसे बडा इकोनॉमिक कॉरीडोर बनाने की योजना २२ साल से केन्द्र और राज्य के बीच में फुटबाल बनी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 4 जून को बाड़मेर में वर्चुअल बैठक के जरिए इसको फिर से चर्चा में ला दिया है। केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इससे पहले 7 जनवरी को मुख्यमंत्री ने वेस्टर्न डेडिवेटेट कोरीडॉर के वर्चुअल उद्घाटन में इसके लिए आग्रह किया था। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गडकरी को उदयपुर में एक मंच पर यह प्रस्ताव दे चुकी है बावजूद सूखा बंदरगाह की केवल बातें हरी हो रही है, काम नहीं।

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राजस्व मंत्री ने की पहल
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने इसमें पहल करते हुए कहा कि सूखा बंदरगाह, रोड कोरीडोर और रेलवे लाइन तीनों ही बाड़मेर ही नहीं राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर है। इसके लिए मुख्यमंत्री और केन्द्र सरकार की ओर से पैरवी हो तो आने वाले दिनों में कोरोना की आर्थिक मंदी से राज्य को उबारने का यह बड़ा उपक्रम होगा। राजस्व मंत्री ने इसको लेकर ट्वीट किया, जिसका अनिल अग्रवाल ने सकारात्मक जवाब दिया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा-वे लगातार पैरवी कर रहे हैं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वे केन्द्र सरकार से लगातार पैरवी कर रहे हैं और इसके लिए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी को जानकारी में है। उन्होंने एक बार फिर राज्य सरकार की ओर से पत्र लिखकर इसकी सशक्त पैरवी को आश्वस्त किया है।

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क्या बोले अनिल अग्रवाल
वेदांता कंपनी के चेयरपर्सन अनिल अग्रवाल ने इस मामले में सकारात्मक पहल करते हुए कहा कि राजस्थान देश को तेल, कॉपर, पोटिस और इतने सारे खनिज दे रहा है जो महंगे दाम पर आयात कर रहे है। बाड़मेर के लिए बंदरगाह बहुत बड़ी सौगात होगा और इसके लिए राज्य सरकार जो भी मदद चाहती है इसके लिए वेदांता तैयार है। गौरतलब है कि मूंदड़ा में अडाणी का निजी बंदरगाह है।