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Union Education Minister Ramesh Pokhriyal Nishank बोले- छात्रों का कैरियर देखिए, राजनीतिक लाभ नहीं

छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं परीक्षाओं में ज्यादा देरी संभव नहीं, अगला बैच भी तैयार बैठा है

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Mohit sharma

Aug 31, 2020

Union Education Minister Ramesh Pokhriyal Nishank बोले- छात्रों का कैरियर देखिए, राजनीतिक लाभ नहीं

Union Education Minister Ramesh Pokhriyal Nishank बोले- छात्रों का कैरियर देखिए, राजनीतिक लाभ नहीं

मुकेश केजरीवाल

प्रश्न- परीक्षा को ले कर राज्य सरकारों से ले कर बहुत से छात्र तक विरोध कर रहे हैं। इन्हें आयोजित करने के पक्ष में सरकार के क्या तर्क हैं?

मेरा मानना है कि सभी को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान करना चाहिए. माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में छात्रों के करियर को ध्यान में रखते हुए यूजीसी की ओर से जारी दिशानिर्देशों को बरकरार रखा है। कानूनी रूप से यूजीसी को केंद्र की एंट्री 66 के तहत नियम बनाने का अधिकार है। इसी के तहत यूजीसी ने पहले अप्रैल में होने वाली परीक्षाओं के लिए और फिर जुलाई में होने वाली परीक्षाओं के लिए दिशानिर्देश बनाए थे।

परीक्षाओं में प्रदर्शन योग्यता, विश्वसनीयता, छात्रवृत्ति, पुरस्कार, प्लेसमेंट, विश्व में किसी भी यूनिवर्सिटी में प्रवेश की स्वीकार्यता और बेहतर भविष्य की संभावनाओं में योगदान देता है। इसलिए, विश्व स्तर पर छात्रों और कैरियर की प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए फाइनल परीक्षाएं करवाना जरूरी है। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों से सितंबर के अंत तक ऑफलाइन या ऑनलाइन या मिश्रित तरीके से परीक्षाएं करवाने को कहा है। यूजीसी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए 209 विश्वविद्यालयों ने पहले ही अपनी परीक्षाएं पूरी करवा ली हैं और लगभग 400 विश्वविद्यालय परीक्षाएं आयोजित करवाने की तैयारी कर रहे हैं।

प्रश्न- क्या लाखों छात्रों को कोरोना का संक्रमण होने का खतरा नहीं होगा?

छात्रों का स्वास्थ्य एवं उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यह सुनिश्चित करेगा कि इसके लिए सभी प्रकार के उपाय किये जाएं। इसलिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों, स्कूली शिक्षा सचिवों, जिस जिले में या शहर में परीक्षा होनी है वहां के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी इत्यादि सभी हितधारकों से परीक्षाओं पर अंतिम निर्णय लेने से पहले बात की गई और मानक संचालन प्रक्रियाएं बनाई गईं।

सभी प्रकार के जरूरी एहतियातों को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से जारी किये गए दिशानिर्देशों के साथ साथ उच्च स्तरीय चिकित्सा विशेषज्ञों की कमेटी की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए मानक संचालन प्रक्रियाएं जारी की। थर्मो गन से शरीर के तापमान की जांच, हेंड हेल्ट मेटल डिटेक्टर (एचएचएमडी) की लंबी रॉड से तलाशी, बिना किसी संपर्क के दस्तावेजों का सत्यापन, बार कोड द्वारा एडमिट कार्ड की जांच जैसे कुछ कदम उठाये जाएंगे। जिन छात्रों में कोरोना के लक्षण हैं उनके लिए आइसोलेशन कमरे बनाये गए हैं।

इसके अलावा परीक्षा हॉल में उचित सोशल डिस्टैन्सिंग सुनिश्चित करने के लिए उम्मीदवारों को एक सीट छोड़ कर बिठाया जाएगा। परीक्षा केंद्रों में अंदर आने और बाहर जाने के समय भी परीक्षार्थियों को भीड़ नहीं बनाने दी जाएगी। पर्यवेक्षकों द्वारा भी सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन करने को कहा गया है और इसी वजह से 12 परीक्षार्थियों पर एक पर्यवेक्षक होगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की वेबसाइट पर परीक्षार्थियों एवं आम जनता के लिए परीक्षा संबंधित विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिए गए हैं। परीक्षार्थियों को सोशल डिस्टैन्सिंग संबंधित सभी प्रकार की सलाह विस्तृत रूप से दे दी गई हैं। परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों तक आने जाने में समस्या ना हो इसके लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने राज्य सरकारों से उन्हें मदद करने को कहा ताकि वो परीक्षा केंद्रों तक आसानी से पहुँच जाएं। इस प्रकार सुविधाजनक एवं सुरक्षित तरीके से परीक्षा करवाने के सभी इंतजाम किये गए हैं।

प्रश्न- बहुत सी जगहों पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है। ऐसे में छात्र अपने परीक्षा केंद्र तक कैसे पहुंचेंगे?

छात्रों के हितों को मद्देनज़र नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यह सुनिश्चित किया है कि 99 प्रतिशत छात्रों को उनके पसंद के शहर में ही परीक्षा केंद्र मिले। जेईई के लिए परीक्षा केन्द्रो की संख्या 570 से बढ़ा कर 660 और नीट के लिए 2546 से बढ़ा कर 3843 कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, जेईई (मेन) की परीक्षाओं के लिए शिफ्ट की संख्या 8 से बढ़ाकर 12 कर दी गई है, और हर शिफ्ट में उम्मीदवारों की संख्या 1.32 लाख से घटाकर 85000 कर दी गई है।

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने परीक्षा वाले शहरों के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को पत्र लिख कर अंतर-राज्यीय आवागमन को सुविधाजनक बनाने, कानून व्यवस्था बनाये रखने, भीड़ प्रबंधन और कोरोना से संबंधित दिशानिर्देशों का पालन करवाने के लिए आग्रह किया है।

प्रश्न- दूसरे शहर से आने वाले छात्रों के रहने की व्यवस्था भी अभी बहुत मुश्कि ल है। इस संबंध में क्या कोई विचार किया गया?

इस कोरोना महामारी के मद्देनज़र नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने छात्रों को परीक्षा केंद्रों को बदलने के पांच मौके दिए थे। 99 प्रतिशत (99.87 प्रतिशत नीट एवं 99.07 जेईई) छात्रों को उनके मन मुताबिक परीक्षा केंद्र दिए गए हैं।

प्रश्न- विपक्षी राज्यों ने दुबारा कोर्ट में अपील की है?

छात्रों के करियर के हितों, अभिभावकों की आकांक्षाओं और माननीय सर्वोच्च न्यायायलय के आदेश को ध्यान में रखते हुए हमें राजनीति से ऊपर उठ कर सोचना चाहिए। परीक्षाओं में और ज्यादा देरी संभव नहीं है क्योंकि अगला बैच भी परीक्षा के लिए तैयार बैठा है और ऐसे में स्थितियां और ख़राब हो सकती हैं।