29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजीव गौबा: भारत के सबसे ताकतवर नौकरशाह इस वजह से सुर्खियों में हैं

Most Powerful Bureaucrat Rajiv Gauba होंगे नए कैबिनेट सचिव कैबिनेट सचिव पीके सिन्‍हा का लेंगे स्‍थान राजीव गौबा झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी हैं

2 min read
Google source verification
gauba-rajiv.jpg

नई दिल्ली। वर्तमान में केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा नए कैबिनेट सचिव होंगे। कैबिनेट सचिव के रूप में गौबा का कार्यकाल दो साल का होगा। केंद्र सरकार द्वारा उनके नाम पर फैसला लेने के बाद से वह सुर्खियों में हैं। इसके पीछे मुख्‍य वजह कैबिनेट सचिव का देश का सबसे ताकतवर नौकरशाह होना है।

वर्तमान में गृह सचिव के पद पर कार्यरत राजीब गौबा झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। गौबा नई पारी की शुरुआत कैबिनेट सचिवालय में विशेष कार्याधिकारी के तौर पर करेंगे। 30 अगस्‍त को वह मौजूदा कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा की जगह लेंगे।

INX Media Case: चिदंबरम की गिरफ्तारी पर बोले रणदीप सुरजेवाला- दिनदहाड़े हुई लोकतंत्र

कैबिनेट नियुक्ति समिति का फैसला

कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने कैबिनेट सचिव के तौर पर राजीव गौबा की नियुक्ति को मंजूरी दी है। उनका कार्यकाल 30 अगस्त, 2019 से दो साल या अगले आदेश जो भी पहले हो, तक का होगा।

अर्टिकल 370 हटाने का श्रेय गौबा को है

दरअसल, जम्मू और कश्मीर में आर्टिकल 370 समाप्त करने और दो केंद्र शासित प्रदेशों में इसे विभाजित करने के पीछे उन्‍हीं का दिमाग था। इस मिशन का उन्‍होंने सफलतापूर्वक नेतृत्व किया।

बताया जा रहा है कि मोदी सरकार ने कैबिनेट सचिव पद के लिए उनके नाम का चयन इस बात को ही ध्‍यान में रखते हुए किया है।

INX Media Case: पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम को शाम 2 बजे सीबीआई कोर्ट में किया जाएगा

श्रम सुधारों के वास्‍तुकार

गौबा को झारखंड में श्रम सुधारों के वास्तुकार और खनिज समृद्ध राज्य में वामपंथ समर्थित उग्रवादी (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में हिंसा को कम करने में मदद करने का श्रेय दिया जाता है।

मीडिया से बातचीत में गौबा ने बताया है कि आमतौर पर श्रम कानून को नौकरशाह छूना नहीं चाहते, क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि श्रम सुधार मजदूर विरोधी हैं। श्रम सुधारों को आम तौर पर प्रो-कैपिटल, प्रो-बिजनेस और एंटी-लेबर के रूप में माना जाता है।

झारखंड में हमने जिन श्रम कानूनों को लागू किया है उससे 10 से कम कर्मचारी वाले चाय की दुकान या किराना की दुकान व अन्‍य इकाइयों को वार्षिक रिटर्न जमा करने की, आय-व्‍यय का रजिस्टर बनाए रखने या वार्षिक रिटर्न जमा करने से छूट दी गई है।

INX केस में चिदंबरम की पेशी से लेकर रविदास मुद्दे पर हिंसक प्रदर्शन तक, जानिए दिनभर की 8

बड़े बांध बनाने के समर्थक

इससे पहले गौबा पर्यावरण और वन मंत्रालय में भी काम कर चुके हैं। उन्‍होंने बताया है कि मैं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को बताता था कि यहां आप बांध बनाने के लिए मंजूरी नहीं देते हैं। जबकि चीन एक के बाद एक बड़ा बांध बना रहा है।

इसी तरह देश में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जबकि प्रबितबंध लगाने के बदले पर्यावरण संवंर्द्धन के हिसाब से भी काम किया जा सकता है।

1 अप्रैल, 2016 को शहरी विकास मंत्रालय में शामिल होने से पहले वह 15 महीने के लिए झारखंड के मुख्य सचिव थे। अविभाजित बिहार में नालंदा, मुजफ्फरपुर और गया जिलों के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के रूप में भी कार्य किया। उनका जन्‍म 15 अगस्‍त 1958 को पंजाब में हुआ था।

तो सीएम नीतीश कुमार फिर बनेंगे विपक्ष का चेहरा!