
सीजेआई बनते ही गोगोई ने बदला सुप्रीम कोर्ट का यह बड़ा नियम, जस्टिस दीपक मिश्रा के निर्णय पर मचा था बवला
नई दिल्ली। जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पदभार ग्रहण करते ही जस्टिस गोगोई एक्शन में आ गए हैं। शीर्ष कोर्ट की प्रशासनिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव करते हुए सीजेआइ ने सुनवाई का नया रोस्टर जारी किया है। यह फैसला इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि जस्टिस गोगोई ने अपने पूर्ववर्ती सीजेआइ जस्टिस दीपक मिश्रा द्वारा लागू की गई रोस्टर व्यवस्था बदल दी है। बता दें कि रोस्टर सहित कई मामलों को लेकर जस्टिस गोगोई सहित चार जजों ने सीजेआइ के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
दीपक मिश्रा के रोस्टर को बदला गोगोई ने
दरअसल, पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा ने फरवरी 2018 में सुप्रीम कोर्ट में का काम रोस्टर जारी किया था। इसके मुताबिक जजों के समक्ष मुकदमे सुनवाई के लिए पेश होते थे। गौरतलब है कि मुकदमों को मनमानी बेंच को सुनवाई के लिए भेजने से नाराज जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस जोसेफ कुरियन ने सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इन जजों ने तत्कालीन सीजेआइ पर न्यायिक परंपरा का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। जजों ने कहा था जस्टिस दीपक मिश्रा काम का बंटवार सही तरीके से नहीं करते। साथ ही सीनियर जजों की अनदेखी की जा रही है।
नए रोस्टर के मुताबिक जनहित याचिकाओं (पीआइएल) पर सुनवाई खुद सीजेआइ रंजन गोगोई करेंगे। इसके अलावा वे चुनाव संबंधी याचिका, कोर्ट की अवमानना से संबंधित याचिका, हैवियस कॉरपस, सामाजिक न्याय, आपराधिक मामले, संवैधानिक पदों पर नियुक्ति सहित अन्य मामले सुनेंगे। सीजेआइ ही तय तय करेंगे कि जनहित याचिका पर सुनवाई किसे दी जाए। रोस्टर में कहा गया है कि चीफ जस्टिस आवंटित करेंगे तो जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सीनियारिटी में नंबर दो के जज जस्टिस मदन बी लोकुर भी सुनवाई करेंगे।
Published on:
03 Oct 2018 04:03 pm
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