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विशेष परिस्थितियों में कोर्ट कम कर सकता है बलात्कारी की सजा 

कोर्ट को लगता है कि दोषी की सजा कम करने के लिए पर्याप्त और विशेष वजह है, तो सजा कम की जा सकती है

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Vikas Gupta

Mar 01, 2015

rape

Rape convict can be awarded lesser punishment if courts find adequate and special reasons for doing so- SC

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के मामले में एक अजीब फैसला दिया है। कोर्ट के
फैसले में कहा गया है कि अगर अदालत को लगता है कि रेप के दोषी की सजा कम करने के
लिए पर्याप्त और विशेष वजह है, तो बलात्कारी की सजा कम की जा सकती है।


न्यायमूर्ति एमवाई इकबाल और न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोस की खंडपीठ ने
हालांकि 20 साल पुराने बलात्कार के मामले में रवींद्र को दोषी करार दिया, लेकिन जेल
में बिताई गई अवधि‍ की सजा सुनाते हुए उसे बरी कर दिया गया। अदालत ने ऎसा करते समय
"पर्याप्त और विशेष" वजहों के मद्देनजर इस तथ्य पर विचार किया कि मामला काफी लंबा
खिंचा था और दोषी तथा पीडित दोनों की ही अलग-अलग शादी हो चुकी है। अदालत ने इसके
साथ ही दोनों के बीच समझौता हो जाने के तथ्य को भी महत्व दिया। IPC की धारा 376
(2जी) में प्रावधान है कि कोर्ट पर्याप्त और विशेष कारणों का फैसले में जिक्र करते
हुए दस साल से कम की कैद की सजा सुना सकते हैं।

जजों ने मामले पर फैसला
सुनाते हुए यह भी कहा कि हमारी राय है कि अपनी करने वाले का प्रकरण कम सजा देने के
लिये धारा 376 (2जी) का प्रावधान लागू करने का उचित मामला है क्योंकि यह घटना 20
साल पुरानी है और संबंधित पक्षों का विवाह हो चुका है तथा उनमें समझौता हो गया है।
इसलिए यह पर्याप्त और विशेष कारण हैं।' रवीन्द्र को 24 अगस्त, 1994 को खेत में काम
कर रही एक महिला से बलात्कार के जुर्म में निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने रवीन्द्र की अपील 2013 में खारिज करते हुए पहले की तरह
दोषी माना था।

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