
मुंबई: कपड़ों की दिग्गज कंपनी और दो दशक तक देश के पुरुषों का ड्रेस तय करने वाले रेमंड लिमिटेड के संस्थापक इन दिनों अपने बेटे के आगे बेबस हो गए हैं। करीब तीन हजार करोड़ की इस रेमंड कंपनी को शुरू करने वाले विजयपत सिंघानिया ने अपनी सारी जायदाद बेटे के नाम कर दी है। अब सिंघानिया का आरोप है कि वे बेटे और रेमंड के मालिक गौतम सिंघानिया के कारण मोहताज हैं। रिटायरमेंट के बाद विजयपत मुंबई के ही ग्रैंड पराडी सोसायटी में किराए के रो हाउस में रह रहे हैं।
रेमेंड के पूर्व मालिक सिंघानिया ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका
उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मालाबार हिल्स स्थित 36 मंजिला जेके हाउस में हिस्सा मांगा है। उनके वकील दिनयर मेडन ने कोर्ट को बताया, सिंघानिया ने रेमंड में एक हजार करोड़ मूल्य के शेयर भी बेटे के नाम कर दिए। अब उनके बेटे ने उन्हें कौड़ी-कौड़ी के लिए मोहताज कर दिया है, यहां तक कि गाड़ी और ड्राइवर छीन लिए। वे पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं।
आपस में सुलझाएं विवाद
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जस्टिस गिरीश कुलकर्णी ने कहा, ऐसे मामले बातचीत से सुलझाने चाहिए। इस पर दोनों पक्षों के वकील बातचीत करने पर राजी हो गए हैं। हालांकि कोर्ट ने सिंघानिया की याचिका पर रेमंड से 18 अगस्त तक जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।
यह है पूरा विवाद
1960 में 14 मंजिला जेके हाउस बना था। चार डुप्लेक्स रेमंड की सहायक कंपनी पश्मीना होल्डिंग्स को दी गईं। 2007 में कंपनी ने फिर इसमें काम शुरू करवाया। करार के हिसाब से विजयपत और उनके बेटे गौतम, विजयपत के स्वर्गीय भाई अजयपत की पत्नी वीनादेवी और उनके बेटे अनंत और अक्षयपत को अलग-अलग 5,185 वर्गफीट का डुप्लेक्स मिलना था। वीनादेवी और अनंत इसे लेकर संयुक्त याचिका और अक्षयपत ने अलग याचिका लगा रखी है।
ऐसे हैं विजयपत सिंघानियां
19 दिसंबर 05 से 18 दिसंबर 06 तक मुंबई के मानद मेयर (शेरिफ) रहे।
67 साल की उम्र में सर्वाधिक ऊंचाई पर हॉट एयर बैलून में उड़ऩे का रिकॉर्ड
5000 घंटे से ज्यादा उड़ान का अनुभव, पद्मभूषण से अलंकृत
1998 में ब्रिटेन से भारत तक सोलो माइक्रोलाइट उड़ान का रिकॉर्ड
1994 में 24 दिन में 34000 किमी की दूरी की उड़ान पूरी की। एयर फोर्स ने मानद एयरकोमोडोर की रैंक दी
Published on:
09 Aug 2017 09:48 pm
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