
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान किसानों की ओर से पुलिसकर्मियों के खिलाफ हुई हिंसा के विरोध में कर्मचारी संघ और उनके परिजन आज सड़कों पर उतर आए। दिल्ली पुलिस महासंघ के नेतृत्व में शनिवार को पूर्व पुलिसकर्मियों और घायलों के परिजनों ने हमले के विरोध में शहीद पार्क में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से हिंसा में शामिल किसानों की पहचान कर कार्रवाई की मांग की है।
रोकने की कोशिश की तो हमला बोल दिया
हिंसक प्रदर्शन में घायल हेड कांस्टेबल अशोक कुमार ने कहा कि गणतंत्र दिवस के लिए मैं लाल किले में ड्यूटी पर तैनात था। मुझे किले के गेट पर तैनात किया गया था। हम उस भीड़ को बाहर ला रहे थे जिसने लाल किले के अंदर प्रवेश किया था। लेकिन किसानों ने पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया। पुलिसकर्मियों पर हमला बोलने के बाद किसानों ने झंडा फहराया था। प्रदर्शन में शामिल उग्र किसान लाठी और तलवारों से लैस थे।
हमले का अंदाजा नहीं था
मॉडल टाउन में तैनात हेड कांस्टेबल सुनीता ने बताया कि उस दिन मुझे मुकरबा चौक पर तैनात किया गया था। डीसीपी-एसीपी भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बात की और उन्हें तय मार्ग पर जाने के लिए कहा। लेकिन किसान इस बात पर आक्रामक हो गए। उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिए और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और उनके वाहनों पर हमला बोल दिया। हमें इस बात का भरोसा नहीं था कि वे हम पर हमला बोलेंगे।
Updated on:
30 Jan 2021 03:20 pm
Published on:
30 Jan 2021 03:09 pm
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