17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इंडोनेशिया में सुनामी पीड़ितों की मदद के लिए भारत ने भेजी राहत सामग्री

भारत ने इंडोनेशिया मे सुनामी पीड़ितों की मदद के लिए राहत सामग्री भेजी है। विदेश मंत्रालय ने ये जानकारी दी।narendra

2 min read
Google source verification
Relief material

इंडोनेशिया में सुनामी से पीड़ितों की मदद के लिए भारत ने भेजी राहत सामग्री

नई दिल्लीः इंडोनेशिया में सुनामी पीड़ितों की मदद के लिए भारत आगे आया है। पीड़ितों की मदद के लिए भारत ने दो विमानों और तीन नौसैनिक पोतों से राहत सामग्री भेजी है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के बीच फोन पर हुई वार्ता के बाद भारत ने ये फैसला किया है। सी-130जे और सी-17 नामक विमान में राहत सामग्री के अलावा चिकित्सा दल और दवाएं, जनरेटर, टेंट और पानी ले जाया गया है। जबकि नौसैनिक पोतों में सुनामी पीड़ितों के लिए खाने-पीने से संबंधित राहत सामग्री है। ये पोत छह अक्टूबर तक इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पहुंचेंगे।

भूकंप और सुनामी में 1400 लोगों की मौत
इंडोनेशिया में पिछले सप्ताह सुलावेसी द्वीप पर 7.5 की तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप और उसके साथ आई सुनामी में मरने वालों की संख्या करीब 1400 पहुंच गई है। तटीय शहर पालू और उसके आसपास से सटे इलाकों को शुक्रवार को आई इन दोनों आपदाओं ने मलबे में बदल दिया है। अधिकारियों का कहना है कि हजारों लोगों को खाने, ईंधन और पानी की बहुत ज्यादा जरूरत है। इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी ने कहा कि इमारतों के मलबे में अभी भी सैकड़ों लोग फंसे हो सकते हैं। बचाव दल सभी प्रभावित इलाकों तक अभी भी पहुंच नहीं सके हैं।

मंगलवार को भी आया था भूकंप
इंडोनेशिया के सुम्बा द्वीप को मंगलवार को भी रिक्टर पैमाने पर 6 की तीव्रता वाले भूकंप ने हिला दिया था। हालांकि यहां से किसी प्रकार के नुकसान की खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि इंडोनेशिया में अभी भी भूकंप के हल्के झटके आ रहे हैं। लोग अपने घरों में जाने से डर रहे हैं। इंडोनेश्यिा सेना के कर्नल मोहम्मद तोहिर ने कहा कि सुनामी से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में से एक डोंग्गाला जैसे इलाकों में हेलीकॉप्टर के माध्यम से तत्काल मदद भेजे जाने की जरूरत है। इसके साथ-साथ वे जिले जो बचाव दलों की पहुंच से दूर हैं, वहां भी हवाई मदद की जरूरत है।