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रिपोर्ट: एशियाई देशों में सबसे ज्यादा रिश्वतखोरी भारत में

Highlights. - ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वे में यह दावा किया गया है - काम बनाने के लिए सबसे ज्यादा मामलों में पुलिस को दी गई ‘भेंट’ - भारत में करीब 46 फीसदी लोगों ने सार्वजनिक सेवाओं का लाभ पाने के लिए व्यक्तिगत संपर्क का सहारा लिया

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Ashutosh Pathak

Nov 27, 2020

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नई दिल्ली.

एशिया में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार भारत में हैं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वे में यह दावा किया गया है। सर्वे के मुताबिक भारत में रिश्वतखोरी की दर 39 फीसदी है। इस मामले में दूसरे पर कंबोडिया (37 फीसदी) और तीसरे पर इंडोनेशिया (30 फीसदी) है। चीन में यह दर 28 फीसदी है। मालदीव और जापान में रिश्वत के मामले सबसे कम हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक सर्वेक्षण में शामिल 47 फीसदी भारतीयों का मानना है कि गत 12 महीनों में भ्रष्टाचार बढ़ा है, जबकि 63 फीसदी ने माना, भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सरकार काम कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक इंडोनेशिया में 36 व चीन में 32 फीसदी लोगों ने अपने स्पर्कों का इस्तेमाल किया। नेपाल में रिश्वतखोरी 12 फीसदी है। सर्वे में पाकिस्तान शामिल नहीं किया गया।

नहीं देते, तो काम नहीं होता

रिपोर्ट में कहा गया कि रिश्वत देने वाले करीब 50 फीसदी लोगों से इसकी मांग की गई, जबकि 3० फीसदी लोगों ने कहा कि अगर वे रिश्वत नहीं देते तो उनका काम नहीं हो पाता। इससे पहले जनवरी में विश्व आर्थिक मंच पर दावोस में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत को भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में 180 देशों के बीच 80वें स्थान पर रखा गया था।

सर्वे में छह सरकारी सेवाएं

'ग्लोबल करह्रश्वशन बैरोमीटर- एशिया’ सर्वे के लिए ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने जून और सितंबर के बीच 17 देशों के 20,000 लोगों से सवाल पूछे। छह सरकारी सेवाएं शामिल गई थीं। भारत में 42 फीसदी लोगों ने पुलिस को रिश्वत दी।