22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्टडी: जर्मनी की यूनिवर्सिटी का शोध, देश में भी दिख रहे न्यूरोजिकल लक्षण, दिमाग में भी घुस सकता है कोरोना

Highlights. - इटली में अलग से शुरू करनी पड़ी न्यूरोकोविड यूनिट - कोरोना केंद्रीय तंत्रिका पर भी दुष्प्रभाव डालता है - सिरदर्द, थकान और चक्कर आदि दिखने लगता है  

less than 1 minute read
Google source verification

image

Ashutosh Pathak

Dec 02, 2020

corona_neurology.jpg

नई दिल्ली।

कोरोना वायरस सिर्फ श्वसन तंत्र को ही नहीं प्रभावित करता है बल्कि केंद्रीय तंत्रिका पर भी दुष्प्रभाव डालता है। इससे अलग-अलग न्यूरोलाजिकल लक्षण जैसे- स्वाद पहचानने की शाक्ति में कमी आना, सिरदर्द, थकान और चक्कर आदि दिखने लगता है।

हाल ही हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। पाया गया है कि कैसे वायरस संक्रमित की नाक से दिमाग में प्रवेश कर सकता है। इससे यह पता लगाना संभव हो सकेगा कि कोविड-19 बीमारी के दौरान मरीजों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण क्यों उभर रहे हैं और उसका कैसे इलाज किया जा सकता है। जर्मनी की यूनिवर्सिटी का यह अध्ययन नेचर न्यूरोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन में 71 वर्ष औसत आयु की 11 महिलाएं व 22 पुरुष शामिल थे। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि संक्रमितों के मस्तिष्क व श्वसन नली में सार्स-सीओवी-2 आरएनए (वायरस का जेनेटिक मेटेरियल) व प्रोटीन के तत्व मिले हैं। इस तरह के मामले देश में भी देखने में आ रहे हैं।

गुजरात में आरटी-पीसीआर टेस्ट अब 800 में
राज्य में आरटी-पीसीआर टेस्ट 800 रुपए में हो सकेगा। गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया किआरटी-पीसीआर टेस्ट का रेट निजी प्रयोगशालाओं से 800 रुपये और घर से सै्पल कलेक्ट करते हैं तो 1100 रुपए देने होंगे।

पूरे देश को वैक्सीन की जरूरत नहीं
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने चौंकाने वाला बयान दिया है। कहा है कि यदि हम कुछ लोगों (क्रिटिकल मास) को वैक्सीन लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में कामयाब रहे तो शायद पूरी आबादी को वैक्सीन की जरूरत ही न पड़े। हमारा उद्देश्य कोरोना वायरस की चेन को तोडऩा है। यह बात आइसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।