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मैक्स अस्पताल केस: FIR में खुलासा, बच्चों को जिंदा रखने के लिए डॉक्टर्स ने मांगे थे 50 लाख रुपए

बच्चों के पिता आशीष ने एफआईआर में कहा है कि जन्म के बाद नवजातों को नर्सरी में रखने के लिए 50 लाख रुपए मांगे गए थे।

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Kapil Tiwari

Dec 03, 2017

Max hospital Shalimar Bagh

Max hospital Shalimar Bagh

नई दिल्ली: दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स हॉस्पिटल के द्वारा एक जिंदा बच्चे को मृत घोषित करने के मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, इस केस में जब परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई तो उसमें एक खुलासा और हुआ है। परिवारवालों ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया है कि बच्चे को अस्पताल में रखे जाने के लिए डॉक्टरों ने 50 लाख रुपए की डिमांड की थी। बच्चों के पिता आशीष ने एफआईआर में ये बात दर्ज कि है जन्म के समय बच्चों का स्वास्थ्य ठीक नहीं था और डॉक्टर्स ने बच्चों को नर्सरी में रखने के लिए 50 लाख रुपए की डिमांड की थी।

बच्चे की सेहत सुधारने के लिए मांगे थे 50 लाख रुपए
आशीष ने एफआईआर में बताया है कि उसकी पत्नी ने मात्र 6 महीने के गर्भ के बाद ही जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया था, लेकिन बाद में यह सामने आया कि उनमें से एक बच्चा जीवित था। समय से पहले जन्म लेने के कारण वह कमजोर था, जिसकी वजह से उसे नर्सरी में रखना जरूरी था। ऐसे में बच्चे की सेहत को ठीक करने और उसे खतरे से बाहर लाने के लिए डॉक्टरों ने 50 लाख रुपए की डिमांड की थी। आशीष ने इसके अलावा एफआईआर में यह भी कहा, ‘पहले तो मैक्स अस्पताल ने मेरे बच्चों को मृत घोषित करके बड़ी गलती की, मेरे बच्चों के इलाज में लापरवाही की। मृत बताते हुए दोनों को पार्सल में पैक करने की तैयारी की।’

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा लाइसेंस रद्द करने के दिए संकेत
वहीं दूसरी तरफ इस मामले में दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही उन्होंने ये आश्वासन दिया है कि दोषी पाए जाने पर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी और अगर जरूरत पड़ी तो उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।

3 इंजेक्शन की कीमत थी 35,000 रुपए
आशीष ने अपनी शिकायत में लिखा है कि मैक्स अस्पताल ने बच्चों के बचने की बहुत ही कम संभावना जताई थी और कहा 35,000 रुपये की कीमत के 3 इंजेक्शन लगेंगे। इंजेक्शन लगाए जाने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि शिशुओं के बचने की संभावना 30 फीसदी तक पहुंच गई है। आशीष ने यह आरोप भी लगाया कि बच्चों को खतरे से बाहर लाने के लिए नर्सरी में रखा जाएगा जिसपर 50 लाख रुपए तक का खर्च आएगा।

क्या है मामला
आपको बता दें कि ये घटना बीते 30 नवंबर की है। अस्पताल में एक महिला ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। इसमें एक लड़की थी और एक लड़का था। जन्म के बाद डॉक्टरों ने बताया कि लड़की की मौत तो जन्म के दौरान ही हो गई थी, लेकिन एक बच्चा जिंदा है लेकिन उसकी हालत सीरियस है। इसके कुछ देर बाद डॉक्टरों ने दूसरे बच्चे को भी मृत घोषित कर दिया था। इसके बाद जब परिवारवाले बच्चे को लेकर वहां से जाने लगे तो कपड़े में लिपटने बच्चे ने हिलना शुरू किया। तब जाकर परिवारवालों को पता चला कि अस्पताल ने जिंदा बच्चे को मृत घोषित कर दिया है। वो तुरंत उस बच्चे को लेकर पास के ही एक अस्पताल में पहुंचे। इसके बाद मैक्स अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।